जैसा की आप सब जानते ही होंगे कि सावन का महीना चल रहा है और यह महीना भगवान शिव का महीना कहलाता है। इस महीने में शिव भक्त लोग कावड़ लाते हैं तथा बहुत से लोग घर पर ही शिव उपासना करते हैं लेकिन इस बार कुछ खास ही देखने को मिल रहा है। देखने में आ रहा है की न सिर्फ मानव बल्कि इस बार पशु भी शिव उपासना के कार्य में लगे हुए हैं। आज हम आपको बता रहें हैं बनारस के एक ऐसे बैल के बारे में जो कि रोज शिव उपासना करने के लिए आता है। बनारस में बैल को एक शाही सवारी माना जाता है, यहां पर आप कई मंदिरों के आस-पास बैलों को बैठा देख सकते हैं।
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असलम अंसारी, जो कि वाराणसी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कार्यरत हैं का कहना है कि ” यहां 60 से भी ज्यादा बैलों का अच्छे से ख्याल रखा जाता है।यहां बैलों के लिए कहा जाता है कि सांड तो काशी की पहचान है, उसको पकड़ना और बांध कर रखना काशी की पहचान मिटाने की साजिश है।”
यह बैल भी रोज किसी न किसी दुकान अथवा मंदिर में निश्चित समय पर जाकर बैठ जाता है और कुछ समय बाद में खुद ही उठ कर चला जाता है। यदि आप कभी बनारस जाएं तो आपको कई बैल मंदिर या दुकान के आसपास बैठे दिखाई मिल जाएंगे।