मरते-मरते दे गया दूसरों को जीवनदान

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आजकल लोग अपने स्वार्थ के आगे किसी दूसरे के बारे में नहीं सोचते, अक्सर ऐसा ही माना जाता है, लेकिन एक युवक ने इस तरह की बातों को झुठलाते हुए मानवता की अनोखी मिसाल पेश की। आपको बता दें कि यह घटना इंदौर की है। यहां सड़क हादसे में बहुत बुरी तरह घायल एक 18 वर्षीय युवक ने मरते-मरते भी कई लोगों को नया जीवन देने का काम किया है।

हादसे में घायल इस युवक को डॉक्टरों ने दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था, जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने उसका लीवर, दिल, दोनों आंखे, त्वचा और दोनों किडनी तक दान कर दी। डॉक्टरों की मानें तो उसके इन अंगों से छह लोगों की जिन्दगी को बचाया जा सकता है।

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इस घटना की और अधिक जानकारी देते हुए अंगदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने वाले गैर सरकारी संगठन मुस्कान के सदस्य संदीपन आर्य ने मीडिया को बताया कि “दीपक धनेता इंदौर के गौरी नगर में रहता था। बीते 23 अप्रैल को एक सड़क हादसे में वह बहुत ही बुरी तरह से घायल हो गया था। जिसके बाद कई दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहने के बाद 27 अप्रैल को डॉक्टरों ने उसे दिमागी रूप से मृत मान लिया था।” इसके बाद मुस्कान के ही कुछ लोगों ने दीपक धनेता के परिवार से बात कर दीपक का अंग दान करने के लिए मनाया तथा उन्हें यह भी समझाया कि इस तरह से वो कई जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। जिसके बाद दीपक के परिवार ने उसका अंग दान करने का फैसला लिया।

जब मीडिया ने संदीपन आर्य से इस बारे में जानकारी मांगी कि दीपक के अंगों से किन लोगों को नया जीवन दिया गया है तो उन्होंने बताया कि दीपक के लीवर और दिल को दिल्ली के अस्पतालों में भेजा गया है। जहां दो मरीजों में इसे ट्रांसप्लांट किया गया और उन्हें नई जिन्दगी दी गई। इतना ही नहीं दीपक की किडनी एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को लगायी गई तथा दीपक की त्वचा और आंखों को दो अलग-अलग संस्थानों को दे दिया गया है, जिन्होंने उसे सुरक्षित करते हुए अपने पास रख लिया है।

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