करन अर्जुन रिटर्न – पिछले जन्म डूब कर हुई थी मौत, इस बार भी लिया साथ में जन्म

-

पुनर्जन्म एक ऐसा विषय है जिस पर कुछ धर्मों को छोड़ कर लगभग सभी एक मत है और इसको स्वीकारते हैं। देखा जाए तो पुनर्जन्म की बहुत सी घटनाएं समाज के सामने एक लंबे समय से आती रही हैं इसी कारण से पुनर्जन्म की घटनाओं के संबंध में कई फिल्में तथा धारावाहिक भी बन चुके हैं और वर्तमान में बन रहें हैं इस क्रम में कुछ साल पहले एक फिल्म बनाई गई थी जिसका नाम “करन-अर्जुन” था, इस फिल्म में दो भाइयो की मौत और उनका फिर से पुनर्जन्म दिखाया गया था, ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में भी सामने आया है जिसमें दो भाइयों की डूब कर मौत हो गई थी पर इस बार उन्होंने जुड़वा भाइयों के रूप में जन्म लिया है। आइये जानते हैं घटना को।

यह घटना उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर के थाना खुटार के बगिनाथ नामक गांव की है जहां पर दो जुड़वा भाई अपने पूर्वजन्म की बात लोगों को बता रहें हैं, इन बच्चों की इस प्रकार की बात से गांव के लोग भी चकित हैं। ये बच्चे हालांकि इस जन्म में जुड़वा भाई हैं पर ये खुद को पिछले जन्म का चचेरा भाई बता रहें हैं, इन बच्चों का कहना है कि पूर्वजन्म में इनकी मौत पानी में डूबने से हुई थी। सुखवीर सिंह के 15 वर्षीय बेटे सौरभ सिंह और सुखवीर के छोटे भाई अरुण सिंह के 14 वर्ष के बेटे ओमी में बचपन से अच्छी और गहरी दोस्ती थी पर तीन अगस्त 2010 इन दोनों की मौत तालाब में नहाते समय डूब कर हो गई थी।

rebirth2Image Source:

इस घटना के ठीक 10 महीने बाद में मोहल्ला बगियानाथ निवासी बिजेंद्र के घर पर जितेश और 15 मिनट बाद में नितेश नाम के दो बच्चों ने जन्म लिया। जब ये बच्चे कुछ बडे़ और बोलने लायक हुए तो ये अपने पूर्वजन्म के घर और अपने चचेरे भाई होने की बात करने लगें जिनको सुनकर लोग काफी चकित हो जाते थे। तीन महीने पूर्व दोनों बच्चे अपने पूर्वजन्म के घर में पहुंच गए और वहां पर सुखबीर सिंह को देख कर कहा कि वह उनके पिता है, यह सुनकर सुखबीर सिंह सकते में आ गए और उन्होंने बच्चों से सारी बात जानी, बच्चों ने सुखबीर सिंह को सारी घटनाओं से अवगत कारा दिया तथा घर के सभी सदस्यो को भी पहचान लिया। सुखबीर सिंह के घर वालों को अब इन बच्चों से लगाव हो गया है साथ ही इस जन्म के इन बच्चों के पिता बिजेंद्र भी यह मानते हैं ये बच्चे अपने को पिछले जन्म का चचेरा भाई बता रहें हैं। इस मामले को सुनकर लोग काफी चकित हैं और काफी लोग इन बच्चों को देखने आ रहें हैं।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments