देखा जाये तो किसी भी देश में मौत की सजा को ही सर्वोपरि माना जाता है। लोग मानते हैं कि मौत से बड़ी सजा कोई नहीं होती है, पर क्या यही सच है? अगर पिछले इतिहास की ओर नजर घुमायें तो कुछ इस प्रकार की सजायें देखने को मिलती हैं जो फ़ांसी देकर मारने की सजा से कहीं ज्यादा वहशी और डरावनी थी। लोगों की मानें तो इस प्रकार की सजा पाये लोग खुद ही सीधी-साधी मौत के लिए न्यायाधीश के सामने गिड़गिड़ाते थे। यहां हम आपको ऐसी ही कुछ सजाओं से रूबरू करा रहे हैं, जो मौत की सबसे ज्यादा खौफनाक सजायें रही हैं।
1- जिंदा दफन करने की सजा यूं तो काफी समय से मिश्र और कई गल्फ देशों में रही है, पर ऐसी सजा का आखिरी मामला सन् 1937 में मिला था। जब जापानी सैनिकों ने चीनी नागरिकों को ताबूत में जिंदा दफन कर मार डाला था।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
2- एक समय तक स्पेन में जिंदा इंसान को नुकीले हथियारों से फाड़कर मार देने की सजा दी जाती थी।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
3- रोम में जलते हुए कोयले पर लोहे की जाली पर इंसान को जिंदा जलाकर भून डालने की सजा का प्रचलन था।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
4- शरीर पर भारी बेलन चढ़ाकर शरीर को बेकार कर देने की सजा भारत समेत दुनिया के कई देशों में रही है। कई दफा इस सजा से गुजरने वाले शख्स की मौत तक हो जाती है।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
5- ग्रीस में कांसे की धातु से बने सांड़ के पेट में सजा पाने वाले को रखा जाता था और उसके नीचे तब तक आग जलती रहती थी जब तक कि उस शख्स की चीख और धुआं सांड़ के मुंह से न निकल आता।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
6- इस सजा को पाने वाले की पीठ पर बाज की तरह निशान बनाया जाता फिर धारदार हथियार से उन जगहों को गोदा जाता था। इसके बाद खाल को खींच दिया जाता था और नमक लगाया जाता था। इसके बाद फेफड़ों को निकाल लिया जाता था और सजा पाने वाला जीते जी मौत के मुंह में समा जाता।
 Image Source: http://newimg.amarujala.com/
Image Source: http://newimg.amarujala.com/
7- सन् 1531 में किंग हेनरी तृतीय के राज्य के दौरान खौलते हुए तेल, पानी, एसिड में लोगों को उबालकर सजा दी जाती रही। ये सिलसिला 1911 तक चला।

