बदलते मौसम की सर्द हवाओं का कहर जब तेजी से पड़ने लगता है तो लोगों का घर से बाहर निकलना काफी दुर्भर सा हो जाता है, क्योंकि जाड़े की ठंडक से बचने के लिए लोग रजाई के अंदर ही रहना ज्यादा पसंद करते है, पर ऐसे में यदि जब आपको -50 डिग्री में तापमान पर काम करने को बोल दिया जाए तो इसके लिए आप क्या कहेगें? लेकिन लोगों की मजबूरी बन चुकी नौकरी उन्हें ऐसा करने पर भी मजबूर कर देती है।
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जी हां, ये जगह है रूस के साइबेरिया में मिली कुपोल माइन, जो दुनिया के सबसे मुश्किल स्थानों में से एक मानी जाती है। यहां का तापमान -31 डिग्री सेल्सियस के नीचे तक चला जाता है और लेकिन कई लोग इस जगह पर रहकर काम करने को मजबूर है।
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बताया जाता है कि 1940 में इस जगह पर सोने की खान पाई गई थी, जहां से उस समय काफी सोना निकाला भी गया था। इस कुपोल माइन ने अपना पहला सोना 2008 में प्रोड्यूस किया था। तब से लेकर अब तक इस माइन से ढेरो उत्पादन किया जा चुका है। वहीं अब इस जगह से सोने और चांदी के कीमती मेटल निकाले जा रहें हैं। इस माइन में काम करने के लिए1200 वर्कर्स का स्टॉफ है, जो बिना छुट्टी के लगातार 12-12 घंटे काम करते रहते है। यहां पर काम करने वाले कारीगर की आपूर्ति के लिए दो साल पहले ही खाने की पूरी व्यवस्था करना पड़ती है, क्योंकि मौसम के खराब रहने चलते यहां का रास्ता हर साल सिर्फ जनवरी से अप्रैल तक ही उपयोग में लाया जा सकता है। भले ही यहां के वर्कर्स इस एरिया में माइनस डिग्री के टेम्परेचर में काम कर रहें हो, लेकिन इनको इस जगह पर रहने की पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यहां पर रहने वाले वर्कस के लिए रॉक कैफे, फास्ट इंटरनेट कनेक्शन और जिम आदि की व्यवस्था भी प्रदान की जाती है। साथ ही यहां पर काम करने वाले अपने पूरे मनोरजंन के लिए टेबल टेनिस और बिलियर्ड्स जैसे गेम्स के बाद टीवी का भी मजा ले सकते हैं।