देखा जाए तो दुनिया लगातार डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है। साथ ही भारत सरकार भी इस तरफ लगातार ध्यान दे रही है। सरकार ने जहां डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए और लोगों की सुविधा के लिए ई-गवर्नेंस की सुविधा दी है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए “मोदी ऐप” की शुरूआत भी की है। एक तरफ जहां भारत लगातार डिजिटलाइजेशन की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है वहीं, शायद आप इस बात का यकीन भी नहीं कर पाएंगे कि हमारे देश में एक गांव ऐसा भी है जहां टीवी है ही नहीं। यही नहीं, यहां औरतों को फोन पर बात करने की भी इजाजत नहीं है।
जी हां, आज हम आपको एक ऐसे ही गांव से रूबरू करने जा रहे हैं। यह गांव हरियाणा प्रदेश के रोहतक शहर में है, जिसका नाम है “जलालपुर”।
महिलाएं नहीं रख सकती हैं फ़ोन
इस गांव की रूढ़िवादी सोच का जरा मुआयना कीजिए। यहां पर पुरुषों के पास आपको मोबाइल से लेकर लेपटॉप भी देखने को मिल जाएगा, पर महिलाओं को फ़ोन पर बात करने की इजाजत तक नहीं है। यहां घरों में टीवी भी नहीं है।
पिछले महीने ही कुछ लोगों ने गांव के स्कूल का टीवी लाकर इसे सार्वजानिक रूप से दिखाने का ट्रायल किया था, पर गांव के बुजर्गों ने अपनी रूढ़िवादी सोच के कारण उसको बंद करा कर वापस स्कूल में रखवा दिया। देश-दुनिया की ख़बरों के लिए यह लोग सिर्फ अखबार से काम चलाते हैं।
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क्या कहते हैं बुजुर्ग
गांव के बुजुर्ग लोगों की बातें बड़ी ही दिलचस्प हैं। इनकी बातों से आप खुद ही इनकी मानसिकता और इनके शिक्षा के स्तर का पता लगा सकते हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है की टीवी से अश्लीलता फैलती है और लोगों की मानसिकता ख़राब हो जाती है। दूसरी ओर गांव के बुजुर्ग टीवी को भाईचारे पर खतरा मानते हुए कहते हैं कि टीवी से आपसी भाईचारे में फूट पड़ती है। हालांकि पंचायत चुनाव को लेकर दबे पांव गांव में टीवी लाने की बात जरूर चल रही है, पर खुलकर कोई नहीं बोल रहा है।
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समय के साथ हो सकता है बदलाव
कुछ लोगों का कहना है कि यदि गांव में कोई पढ़ा-लिखा सरपंच बनेगा तो टीवी और कम्प्यूटर जरूर लाना पड़ेगा, पर गांव के सभी घरों में टीवी लाने पर तभी सहमति बन सकती है जब गांव में केबल कनेक्शन न लाया जाए। सिर्फ दूरदर्शन ही हर घर में चले।