सात साल बाद भी ताजा हैं 26/11 के जख्म

0
467

मुंबई यानि माया नगरी, दुनिया का 8वां सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर जिसको आज तक बम ब्लास्ट, जातीय दंगे और आतंकवादियों का कई बार निशाना बनना पड़ा। फिर भी इस दर्द और तकलीफ में मुंबई ने अपने जज्बे से दोबारा खुद को खड़ा किया। आप सबको मुंबई की वो 26/11 की दहशत भरी रात याद होगी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। आज उसी मुंबई के दर्द की सातवीं बरसी है।

26/11 BlastImage Source: http://drop.ndtv.com/

इस मौके पर आज महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं पीएम मोदी ने भी सार्क सम्मेलन में 26/11 का दर्द बयां किया। पीएम ने सार्क सम्मेलन में 2008 के मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि छब्बीस ग्यारह का मुंबई हमला कभी खत्म न होने वाला दर्द है।

MUMBAI Blast5Image Source: http://www.samacharjagat.com/

यह सच है कि 26 नवंबर 2008 को हुए आंतकी हमले को हम में से शायद ही कोई भुला पाए। जब आधी रात अचानक गोलियों की आवाज से मुंबई शहर दहल उठा था। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों जख्मी हुए थे।

MUMBAI Blast-7Image Source: http://static.indianexpress.com/

यहां सवाल यह उठता है कि क्या सात साल गुजर जाने के बाद भी लोग मुंबई में अपने आपको महफूज मानते हैं या फिर वक्त की रेस में किसी को मुंबई नगरी के ये आंसू दिखाई नहीं देते।

MUMBAI BlastImage Source: http://www.thehindubusinessline.com/

शायद उस दिन भी कभी ना सोने वाली, दौड़ती हुई मुंबई ने ऐसा कुछ सोचा होगा, ना ही वहां की पुलिस को कोई ऐसा शक होगा, ना ही चौपाटी पर निकलने वाले सूरज को इस बात की खबर थी कि 26 नवंबर 2008 को एक ऐसी भी शाम आएगी जो हमेशा के लिए मुंबई की तकदीर बदलकर रख देगी। उस दिन जिंदादिल मुंबई दहशतगर्दों के हाथों 60 घंटों तक तड़पती, कराहती रही और अपनी आंखों के सामने अपनी बर्बादी की गवाह बनती रही।

MUMBAI Blast3Image Source: http://static.punjabkesari.in/

आपको बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में रात 8 बजे पाकिस्तान से आए 10 आंतकियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में एंट्री की थी। छिपते छिपाते हथियारों के जखीरे के साथ यह आतंकी मुंबई की भीड़ में समा गए। दो आतंकी प्रसिद्ध गेस्ट-हाउस नरीमन हाउस की तरफ, दो आतंकी सीएसटी टर्मिनस की तरफ, दो-दो आतंकी की टीम होटल ताज की तरफ तथा बाकी बची दो टीम होटल ट्राईडेंट ओबरॉय की तरफ चली गई। और फिर पाकिस्तान के एक कमरे में बैठे हाफिज सईद और लखवी के इशारे पर शुरू हुआ दहशत के वो 60 घंटों का तांडव जिसने मुंबई के साथ पूरे देश को हिला दिया।

MUMBAI Blast8Image Source: http://i.dailymail.co.uk/

वैसे तो 26/11 के उस मनहूस दिन को भूला नहीं जा सकता, लेकिन फिर भी अपने दर्द को समेटे मुंबई आज भी उसी रफ्तार से दौड़ती है। गेटवे ऑफ इंडिया गुलजार रहता है, चौपाटी की चमक भी वापस लौट आई है, लोकल ट्रेन कभी लेट नहीं होती। यह बात अलग है कि इन सब के बावजूद भी मुंबई के उस दर्द को भूल पाना मुश्किल है।

MUMBAI Blast4Image Source: http://images.patrika.com/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here