सामने आया रेलवे के कंबलों का सच, जानकर दंग रह जायेंगे आप

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ट्रेन के ऐसी कोच में आपने रेलवे के दिए कम्बलों का उपयोग किया ही होगा, पर इनसे सम्बंधित एक ऐसी बात सामने आई है। जिसको जानकर आप इनका उपयोग आगे कभी नहीं करेंगे। ट्रेन के ऐसी कोच  में आपको रेलवे की ओर से कंबल दिए जाते हैं। इन कम्बलों का उपयोग आप वैसे ही करते हैं जैसे आप अपने घर में अपने कंबलों को करते हैं। आप कभी रेलवे के कंबल से अपना चेहरा ढकते हैं तो कभी सिर। इन रेलवे के कंबलों को लेकर ही हाल ही में एक बड़ा खुलासा हुआ है और इस खुलासे को जानकर आप भविष्य में इन कंबलों का उपयोग करना भूल जायेंगे।

कंबलोंImage source:

आपको बता दें कि असम के रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर दे रहें थे। प्रश्न का उत्तर देते हुए जो उन्होंने कहा वह हैरान कर देने वाला था। उन्होंने कहा था कि “भारतीय रेलवे यह सुनिश्चित करती है कि ट्रेन में बिछाई जानें वाली चादरे एक बार उपयोग के बाद धोई जाएँ और कंबल कम से कम 2 महीने में एक बार धोए जाएं।” देखा जाएं तो चादर तक तो सही है पर कंबल को 2 महीने में सिर्फ एक बार धोने को कहां तक जायज कहा जा सकता है। आखिर रेलवे अपने कंबलों को 2 माह में एक बार ही क्यों धोता है।

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इस बारे में जब सोशल मीडिया पर खबर आयी तो हंगामा मच गया। एक और लोग रेलवे द्वारा किये जा रहे इस कार्य को गलत ठहरा रहें हैं वहीं दूसरी और बहुत लोग रेलवे के कंबलों का उपयोग न करने की बात कह रहें हैं। आप खुद ही इस बात पर विचार कीजिये कि अगर आपको सोने के लिए 2 माह से न धुला हुआ और बहुत से लोगों द्वारा उपयोग किया गया कंबल दिया जाएं, तो क्या आप उसका उपयोग करेंगे। रेल राज्य मंत्री ने खुद ही इस बात को बताया है कि रेलवे के कंबल 2 माह में एक बार धोये जाते हैं। ऐसे में ये कंबल 2 माह के दौरान बहुत से अलग अलग यात्रियों द्वारा उपयोग किये जाते हैं। इस खुलासे से यह बात साफ हुई है कि यदि हम रेलवे के कंबलों का यूज करते हैं तो हम बीमार हो सकते हैं। बहरहाल रेलवे को अपने यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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