14 दिसम्बर 1503 को फ्रांस के एक छोटे से गांव सेंट रेमी मे जन्में बालक के बारे में किसी ने यह नहीं सोचा था कि आगे चलकर वह दुनिया को किस उजाले में ले जाने के लिए अगाह करा रहा है। उस वक्त किसी ने इस बालक को जादूगर समझा तो किसी ने फरेबी। पर समय के अभास को समझने वाले नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी से सिद्ध करके दिखा दिया कि वह कोई जादूगर नहीं, बल्कि ज्योतिष विद्या में पारंगत एक समान्य सा व्यक्ति है।
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नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी को उस समय सच साबित किया जब उन्होंने अपने मित्र के साथ इटली की सड़कों पर टहलते एक युवक को देखा और उसे आदर से सिर झुकाकर नमस्कार किया। मित्र ने आश्चर्यचकित होते हुए इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति आगे जाकर पोप का आसन ग्रहण करेगा। उनके कथनानुसार वास्तव में वह व्यक्ति फेलिस पेरेती था, जो 1585 में पोप चुना गया।
इसके बाद नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां एक-एक होकर सत्य होती दिखने लगी और इसकी ख्याति सुन फ्रांस की महारानी कैथरीन ने अपने बच्चों का भविष्य जानने की इच्छा जाहिर की। नास्त्रेदमस यह जान चुके थे कि महारानी के दोनों बच्चे अल्पायु के हैं, लेकिन सच कहने की हिम्मत नहीं हो पायी। उन्होंने अपनी बात को छंदों के माध्यम से पेश किया। इस प्रकार वह अपनी बात भी कह गए और महारानी के मन को कोई चोट भी नहीं पहुंची। तभी से नास्त्रेदमस ने यह तय कर लिया कि वे अपनी भविष्यवाणियों को इसी तरह छंदों में ही व्यक्त करेंगे।
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भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ऐसे पहले भविष्यकर्ता थे जो भविष्य में होने वाली घटनाओं का उल्लेख अपनी कविताओं के माध्यम से किया करते थे। फ्रांस में 16वीं सदी के दौरान नास्त्रेदमस ने जो भविष्यवाणी की थी वो सभी सच साबित हो रही हैं। नास्त्रेदमस ने 16वीं शताब्दी में ही प्रथम विश्वयुद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, नेपोलियन के साम्राज्य समेत तमाम भविष्यवाणियां की थीं, जो सच साबित हुई हैं। पेरिस पर आईएसआईएस की ओर से किए गए आतंकी हमले भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में शामिल थे।
नास्त्रेदमस ने अपनी मशहूर किताब ‘द प्रोफेसीज’ में 2012 में घटने वाली सभी घटनाओं के भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। उनके मुताबिक, विनाश की शुरूआत से पहले तीन ग्रहण पड़ेंगे, तब सूरज और धरती पर तेज भूकंप आएंगे। जैसे-जैसे 2012 के करीब पहुंचते जाएंगे, आपदाएं भी बढ़ने लगेंगी। सूरज पर भूकंप से रेडिएशन के तेज तूफान उठेंगे। यह धरती को इस तरह गर्म कर देंगे कि ध्रुवों की बर्फ पिघलने लगेगी। जब ऐसा होगा तो धरती के ध्रुव भी बदल जाएंगे। कुंभ राशि के युग की शुरूआत में आसमान से एक बड़ी आफत धरती पर आ टूटेगी। धरती का ज्यादातर हिस्सा विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा। साथ ही, जान-माल का भारी नुकसान होगा।
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इसके अलावा भारत के बारे में नास्त्रेदमस ने 450 साल पहले ही घोषणा कर दी थी कि 2014 से लेकर 2026 तक भारत का नेतृत्व एक ऐसा आदमी करेगा जिससे लोग शुरू में नफरत करेंगे, मगर इसके बाद देश की जनता उससे इतना प्यार करेगी कि वह 20 साल तक देश की दशा और दिशा बदलने में जुटा रहेगा। एक अधेड़ उम्र की हस्ती भारत ही नहीं सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग लायेगी। जो अपने सनातन धर्म का पुनरउत्थान करके भारत को सर्व श्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनायेगा। उनके नेतृत्व में हिन्दुस्तान न सिर्फ विश्व गुरु बनेगा बल्कि कई देश भारत की शरण में आ जायेंगे।
नास्त्रेदमस को अपनी मौत का पूर्वाभास समय से पहले हो गया था। इसलिए उन्होंने 17 जून 1566 को अपनी वसीयत तैयार करवाई। एक जुलाई को पादरी को बुलाकर अपने अंतिम संस्कार के निर्देश दिए। 2 जूलाई 1566 को इस मशहूर भविष्यवक्ता का निधन हो गया। “नास्त्रेदमस ने जो कुछ गिनी-चुनी भविष्यवाणियां की थी, उनमें से एक यह भी थी कि उनकी मौत के 225 साल बाद कुछ समाज विरोधी तत्व उनकी कब्र खोदेंगे और उनके अवशेषों को निकालने का प्रयास करेंगे, लेकिन तुरंत ही उनकी मौत हो जाएगी। वास्तव मे ऐसी ही हुआ। फ्रांसीसी क्रांति के बाद 1791 में तीन लोगों ने नास्त्रेदमस की कब्र को खोदा, जिनकी तुरंत मौत हो गयी।”