जाने माने गीतकार-संगीतकार रविन्द्र जैन अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार को लीलावती अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस लेते हुए दुनिया को अलविदा कहा। भले ही रविन्द्र की आंखों की रोशनी नहीं थी पर अपने संगीत से उन्होंने पूरे जग को रोशन कर दिया था। आज भी हम रामायण में लव-कुश कांड में उनके द्वारा गाए गए गीत को याद करते है। जिससे उनके गीत भी अमर हो गये।
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70 के दशक के दौरान उन्होंने फिल्मों में एक संगीतकार के रूप में अपने करिअर की शुरूआत की। सफर जो शुरू हुआ तो फिर रविन्द्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फिल्म ‘चोर मचाये शोर’(1974), ’चितचोर’(1976), ’अंखियों के झरोखों से’(1978) जैसी लोकप्रिय फिल्मों में संगीत दिया। इनके संगीत ने पूरे फिल्म जगत को ही अमर कर दिया।
रविन्द्र जैन संगीत देने के साथ लिखते और गाते भी थे। रामायण का लव-कुश कांड को भी लोग इनकी अवाज से ही जानते है। आज रवीन्द्र जैन भले ही हमारे बीच नहीं है। पर उन्होंने अपने संगीत को रोशनी देकर उसे अमर बना दिया। रविन्द्र जैन की जगह हमार दिलों में हमेशा ही बनी रहेगी।