दीपों का त्योहार दीपावली जहां सभी के लिए खुशियां और उमंग लेकर आता है। वहीं इस त्यौहार पर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में ऐसा कुछ हुआ, जिसको सुनकर सभी लोग दंग रह जाएंगे और अपने बच्चों की तरफ विशेष ध्यान देंगे। जी हां दिवाली की रात तिसंगी गांव के एक परिवार की खुशियां उस वक्त मातम में तब्दील हो गई, जब एक पांच साल की बच्ची ने पटाखे को गलती से चॉकलेट समझकर खा लिया और बच्ची की मौत हो गई।
वैसे तो दिवाली पर हर चीज यों तो शुभ ही होती है। लेकिन कुछ लोग इस शुभ अवसर को पटाखें, बम आदि की गुंज से अशुभ कर जाते हैं। माना पटाखे और आतिशबाजी खुशी व्यक्त करने का एक साधन होते है, लेकिन इस उत्साह और उमंग के नशे में लोगों की थोड़ी सी लापरवाही अंधेरी रात को और भी अंधेरा कर देती है।
लेकिन ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि आखिर क्यों थोड़ी सी लापरवाही से दिवाली को खराब किया जाए। दिवाली पर क्यों पटाखे और आतिशबाजी की जाए? हो सकता है आपके द्वारा छोडा गया एक पटाखा किसी के घर का दीपक बुझा दे। ऐसे में आपको बता दें कि जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो प्रजा ने नाच-गाकर खुशियां मनाई थी ना कि बम पटाखें छोड़ कर।
Image Source: http://im.timescitycontent.com/
बहरहाल दिवाली जा चुकी है और ऐसे में हमें उम्मीद हैं कि हमारी यह खबर लोगों को काफी जागरूक करेगी। लेकिन फिर भी अगर आप या आपके बच्चें पटाखों के प्रति अपने प्रेम को छोड़ नही पा रहे तो माता-पिता कुछ सावधानियां रख ऐसी अनहोनी को होने से रोक सकते हैं।
1. पटाखे जलाते समय आप बच्चे के साथ ही रहें।
2. जहां तक हो सके पटाखे जलाने से बचें अगर बच्चा न मानें तो उसे हल्के पटाखें जलाने दे।
3. बच्चों को पटाखों से निश्चित दूरी बनाए रखने के बारे में समझाएं।
4. दुर्घटना से बचाव के लिए साथ में पानी की बाल्टी जरूर रखें।
6. संकरी गलियों या घरों की छतों पर पटाखे बिल्कुल न जलाएं।
7. खेल-खेल में किसी जानवर, मनुष्य या घास-फूस आदि पर जलता हुआ पटाखा न फेंकें.