हमने सुना है कि कई ऐसे शहर हैं जो प्राकृतिक आपदा के कारण खत्म हो गए और बाद में दोबारा अपना वजूद नहीं बना पाए, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी शहर हैं जो प्राकृतिक आपादाओं की मार झेलने और विलुप्त होने के बाद भी समय के साथ दोबारा उठ खड़े हुए। हम आपको ऐसे ही एक शहर के बारे में बता रहे हैं जो करीब दो हजार सालों पहले ज्वालामुखी की राख के नीचे दफन हो गया था, लेकिन आज यह इटली का एक बड़ा शहर बनकर विकसित हो चुका है। आज इस शहर का नाम नेपल्स है जो पहले हरकुलेनियम के नाम से जाना जाता था।
कब हुआ था नष्ट हरकुलेनियम-
दस्तावेजों के आधार पर बताया जाता है कि हरकुलेनियम दो हजार वर्षों पहले रोमन साम्राज्य का एक बड़ा शहर हुआ करता था। साथ ही दस्तावेजों में लिखा गया है कि जब 79वीं ईस्वी में वेसुवियर का एक बड़ा ज्वाला मुखी फटा तो यह पूरा शहर राख के नीचे दब गया। वैसे तो जब भी ज्वालामुखी फटता है तो वह अपने लावे से पूरे शहर को नष्ट कर देता है, लेकिन इस ज्वालामुखी के फटने पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। हरकुलेनियम इस ज्वालामुखी की राख के नीचे दब गया।
कब आया अस्तित्व में-
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बताया जाता है कि यूरोपीय पुनर्जागरण के दौरान सन् 1739 से लेकर 1756 में पुरावशेषों की खुदाई के दौरान यह शहर पहले की तरह ही मिला। खुदाई में पाया गया कि ज्वालामुखी का लावा पूरे शहर में फैला तो था, लेकिन शहर को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सका। इतना ही नहीं इस शहर में करीब 300 कंकालों को भी सुरक्षित अवस्था में बाहर निकाला गया।
आज भी ज्वालामुखी फटने का खतरा-
इटली के नेपल्स में आज भी ज्वालामुखी के फटने का खतरा बना रहता है। यह शहर वेसुवियस पहाड़ी के निचले हिस्से में बसा हुआ है। इस शहर में करीब दस लाख लोगों की आबादी रहती है। इतना ही नहीं यह सभी ज्वलामुखी के फटने के डर के साए में जीते हैं।
बन गया है टूरिस्ट डेस्टिनेशन-
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ऐतिहासिक शहर होने के कारण व हजारों वर्षों पहले के इतिहास को अपने अंदर समेटे हुए इस शहर को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। आंकड़ों की मानें तो हर साल इस शहर को देखने के लिए करीब 10 लाख सैलानी यहां पर पहुंचते हैं।