भारत के अलावा भी कई देश ऐसे हैं जहां पर मां दुर्गा के ढेरों मंदिर बने हुए है। हिंदू परंपरा एक प्राचीन परंपरा है और सदियों से ही इस परंपरा का प्रचार प्रसार होता आया हैं। यहीं कारण है कि हमारे देश के अलावा भी अन्य देशों में हिंदू देवी देवाताओं के मंदिर देखें जा सकते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि दुनिया में एक ऐसा मुस्लिम देश भी है जहां पर मां दुर्गा का बेहद ही प्राचीन मंदिर बना हुआ हैं। इतना ही नहीं यह एक चमत्कारी मंदिर भी है। इस मंदिर में मां दुर्गा स्वयं ही ज्वाला के रूप में प्रकट है। लेकिन यह मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में होने के कारण आज यह मंदिर भक्तों और जयकारों की गूंज से विरान पड़ा हुआ हैं। चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
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कहां पर स्थित है यह प्राचीन मंदिर
यह मंदिर अजरबैजान देश में बना हुआ है। इस देश के सुराखानी में यह प्राचीन मंदिर सदियों पहले बनाया गया था। अजरबैजान एक मुस्लिम बहुल देश हैं इस कारण इस मंदिर में नियमित रूप से पूजा नहीं होती है। साथ ही यहां पर सन्नाटा पसरा रहता है। इस मंदिर में एक अग्निकुंड है जिसमें हमेशा ही आग की लपटें निकलती रहती है। इस मंदिर को “टेम्पल ऑफ फायर” के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की दीवारों पर पुरानी गुरू लिपि में भी कुछ लिखा गया है। साथ ही मंदिर में मां दुर्गा का त्रिशूल भी स्थापित है।
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क्या है मंदिर का इतिहास
तथ्यों के अनुसार कई सौ वर्षों पहले इस देश के रास्ते से ही हिन्दुस्तान के लोग व्यापार करने के लिए जाया करते थे। तब इस मंदिर का निर्माण उन्होंने ही करवाया है। जानकारी के मुताबिक कुरूक्षेत्र के पास ही बने मादजा गांव के एक व्यक्ति बुद्धदेव ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। वहीं यहां पर एक शिलालेख में द्वार का निर्माण करने वालों के नाम में उत्तम चंद और शोभ राज भी लिखा गया हैं। प्रमाण के मुताबिक यहां पर पहले भारतीय पुजारी हुआ करते थे और अनेकों लोग इस स्थान पर पूजा करने आते थे। ईरान से भी लोग यहां पर पूजा के लिए आया करते थे। वर्ष 1860 में भारतीय पुजारी यहां से चले गए। इसके बाद से यहां पर कोई भी पुजारी नहीं आया। ऐतिहासिक तथ्य यह भी बताते है कि इस मंदिर मे मुख्यतः भारत के व्यापारी ही आते थे और रात में वह यहां पर बनी कोठरियों में ही विश्राम भी करते थे।
फिलहाल यह मंदिर आज भी अपने भक्तों की राह देख रहा है। न जाने कब हिंदुओं के इस मंदिर में दोबारा से मां के जयकारे गूंजेंगेA