आमतौर पर चीते को देखते ही लोगों के डर के मारे पसीने छूट जाते हैं। चीते को देखने के लिए लोग भले ही चिड़ियाघर या नेशनल पार्क की ओर रुख करें, लेकिन अगर यह कभी कहीं सामने आ जाए तो लोग अपनी जान की सलामती के लिए दुआ करने लगते हैं। इन सभी के बीच चीते और आदमी की दोस्ती की एक ऐसी भी मिसाल है जिसे जो भी देखता है हैरान रह जाता है। इंदौर के एक शख्स की यारी किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि चीते से है। यह दोनों घंटों समय साथ बिताते हैं और साथ ही खेलते हैं।
कैसे हुई इनकी दोस्ती-
इंदौर के चिड़ियाघर में रहने वाली सफेद बाघिन ने वर्ष 2014 के दौरान चार शावकों को जन्म दिया। इन शावकों को उठाते समय बाघिन के दांत सभी शावकों को लग गए। जिससे तीन शावकों की मौत हो गई। इसके बाद चौथे शावक को बहुत ही मुश्किलों से चिड़ियाघर के प्रबंधकों और प्रभारी उत्तम यादव ने बचाया। इस चौथे शावका का नाम लकी रखा गया। प्रभारी उत्तम यादव ने इसकी जिम्मेदारी ली। चीते के शावक लकी की हालत धीरे-धीरे सुधरने लगी। समय के साथ ही इनकी दोस्ती भी पक्की होती चली गई। चीते के बड़े होने पर केवल उत्तम यादव ही उसके पास जाया करते थे। अब यह दोनों एक दूसरे को देखे बिना नहीं रह पाते हैं।
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लकी और उत्तम यादव की दोस्ती ऐसी है कि लकी जब भी उत्तम यादव को देखता है उनके पास दौड़कर चला आता है। लकी उनके कंधे पर बड़ी ही सावधानी से अपना पैर रखता है और उनके पास ही बैठ जाता है। उत्तम यादव भी उसे खूब दुलारते हैं। दोनों साथ में खेलते भी हैं। उत्तम यादव ने ही लकी को पेड़ों पर चढ़ना भी सिखाया है। इनकी दोस्ती को जो भी देखता है हैरान रह जाता है कि आखिर क्या वजह है कि चीता आदमी के इतने करीब होकर भी कुछ नहीं करता है। अब इन दोनों की दोस्ती आस-पास के सभी इलाकों में मशहूर हो गई है।