भीख मांगने से अच्छा है डांस बार में काम करें महिलाएं- सुप्रीम कोर्ट

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काफी लंबे वक्त से सरकार की सख्ती और कोर्ट की कार्रवाई के बीच फंसे मुंबई के डांस बार मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो महाराष्ट्र सरकार को अच्छे से फटकार लगाई, फिर इस मामले पर कड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सड़कों पर भीख मांगने से महिलाओं का डांस बार में काम या डांस करना ज्यादा सही है, क्योंकि कम से कम मेहनत करके वह अपना जीवनयापन तो कर रही हैं। वहीं कोर्ट ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि वह इन चीजों को रेग्यूलेट कर रही है, जबकी कोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार डांस बार को ही प्रतिबंधित करना चाहती है।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखना अहम मुद्दा है, लेकिन अश्लीलता किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसका मतलब ये कतई नहीं कि डांस बारों पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। इसके लिए डांस बार में काम करने वाले लोगों का सत्यापन करना जरूरी है। वहीं अश्लीलता को रोकने के लिए राज्य सरकार नियम बनाएं। ना कि डांस बार को ही खुलने से रोकें। कोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार की मंशा किसी ना किसी बहाने इनको बंद करने की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर कोई महिला अपने जीवनयापन के लिए बार में डांस या काम करके पैसे कमाती है तो ये उसका संवैधानिक अधिकार है।

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इस मामले की सुनवाई जज दीपक मिश्रा और जज कीर्ति सिंह की बेंच ने की। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को 20 मई तक का समय दिया है। यह मामला जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि काफी लंबे वक्त से कोर्ट की कार्रवाई और राज्य सरकार की सख्ती के बीच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश के डांस बारों पर बैन लगा दिया था। जिसके बाद डांस बार के मालिकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटया। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले के कारण कई हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इसके बाद कुछ शर्तों के साथ कोर्ट ने डांस बार वापस खोले जाने और उनके लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया था। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में 10 मई तक राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करना है।

वहीं बता दें कि इससे पहले सरकार ने एक हलफनामा भी दाखिल कर दिया था। जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 115 डांस बार को पुलिस निरीक्षण के लिए इनवाइट नहीं किया गया है। वहीं 39 डांस बार में 26 नियमों का पालन नहीं किया गया। ऐसे में अब देखना ये होगा कि सरकार और कोर्ट के बीच फंसे इस डांस बार मामले में फैसला किसके पक्ष में आता है।

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