अनादि काल से यह मांगलिक चिन्ह (स्वस्तिक) हमारी सम्पूर्ण सृष्टि में व्याप्त रहा है। जिसमें भगवान गणेश का स्वरूप विद्यमान है इसलिए जब भी कोई शुभ कार्य हमारे घर पर किए जाते है तो सबसे पहले घर पर स्वस्तिक चिन्ह को अंकित करके इसकी पूजा की जाती हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न हो हमारे घर में आगमन कर वास करती है। आज हम स्वस्तिक से जुड़ी कुछ मान्यताओं के विषय में बता रहें है जिसे अपनाने के बाद आपके घर में सकारात्मकता बढ़ेगी और साथ ही बरकत में भी वृद्धि होगी।
यदि आप अपने घर पर स्वस्तिक बना रही है तो इसे घर के बाहर रोली, सिंदूर या कुमकुम का उपयोग करके ही बनाए। इससे ये आपके घर के लिए मंगलकारी होगा और इससे देवी-देवता प्रसन्न होकर आपके घर पर प्रवेश करेंगे।
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यदि आपको व्यापार से संबंधित कोई समस्या आ रही है और उसमें कोई भी तरक्की नहीं हो पा रही है, तो आप इसके समाधान के लिए हर गुरूवार उस क्षेत्र के उत्तर-पूर्व दिशा को गंगाजल से शुद्ध करें और उस स्थान पर हल्दी का उपयोग करके स्वसितक बनाए व पूजा करें। इसके बाद उस जगह पर भगवान को विराजित करें और उन्हें गुड का भोग लगाएं। इससे आपके सभी रूके कार्य पूरे होने लगेंगे साथ ही आपके व्यापार में लाभ होने लगेगा।
देव मंदिर के सामने स्वस्तिक बनाकर उसके ऊपर पंच-धान्य या दीप जलाकर रखने से भी सभी कार्य पूरे होते है। इशान दिशा यानि उत्तर दिशा की दीवार पर हल्दी का स्वस्तिक बनाने से घर पर हर समय सम्पदा बनी रहती है, इसके अलावा घर में सुख-शांति आती है। इस बात का खास ध्यान रखें कि कभी भूलकर भी घर पर उल्टा स्वस्तिक ना बनाए इससे आपको नुकसान भी हो सकता है इसलिए इसे बनाने से पहले किसी ज्योतिषि से इसकी पूर्ण जानकारी अवश्य ले लें।