नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को कोर्ट तक ले जाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी फिर से एक नई खबर के कारण चर्चा का विषय बन गए हैं। इस बार उनके खबरों में रहने का कारण उनका पीएम मोदी को लिखा पत्र है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसे तो कितने ही लोग पीएम मोदी को पत्र लिखते हैं तो इसमें बड़ी बात क्या है, पर सुब्रमण्यम का यह पत्र बहुत खास है क्योंकि उन्होंने इस पत्र के माध्यम से राष्ट्रगान में बदलाव करने की बात कही है।
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सूत्रों से पता चला है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने यह पत्र 30 नवंबर 2015 को पीएम मोदी को लिखा था। इस खबर के बारे में तब पता चला जब उन्होंने ट्विटर पर इस खत को शेयर कर दिया। उन्होंने इस खत में कहा है कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन…’ के शब्दों में बदलाव किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने खत में यह भी लिखा है कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन…’ को संविधान सभा में सदन का मत मानकर स्वीकार कर लिया गया था।
उन्होंने आगे लिखा है कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के आखिरी दिन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बिना वोटिंग के ही ‘जन गण मन…’ को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था। हालांकि उन्होंने माना था कि भविष्य में संसद इसके शब्दों में बदलाव कर सकती है। सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम से अपील की है कि वह संसद में प्रस्ताव लाएं कि ‘जन गण मन…’ की धुन से छेड़छाड़ किए बगैर इसके शब्दों में बदलाव किया जाए। स्वामी ने सुझाव दिया है कि इसमें सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव को भी स्वीकार किया जा सकता है।