आज हम जो पोस्ट आपके लिए लाएं हैं वह आपके मन से कई प्रकार की प्रचलित कहानियों और तथाकथित चमत्कारी घटनाओं का पर्दा उठा देगी , आपने कई मजार या दरगाहों या फिर कई धार्मिक स्थानों पर कोई काफी बड़ा गोल पत्थर देखा होगा जिसको कई लोग मिलकर अपनी एक अंगुली से उठा देते हैं। इस पत्थर का चमत्कार अब सामने आ चुका है। असल में यह पत्थर अपनी गोल बनावट के कारण 2 या 1 व्यक्ति से नहीं उठ पाता पर यदि 8 या 10 लोग इसके चारों और से अपनी एक एक अंगुली का प्रयोग करते हैं तो इसको चारो और से सामान बल मिलता है जिसके कारण यह उठ जाता है मतलब यह है कि यह कोई चमत्कार नहीं होता है व अब हम आपको पानी में तैरने वाले पत्थर के राज के बारे में बता रहे हैं। आइये जानते हैं।
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रादौर ब्लाक के कांजनू गांव में वर्तमान में दो पत्थर बड़े प्रचलित हो रहें हैं असल में ये पत्थर इसलिए लोगों में चर्चित हो रहें हैं क्योंकि ये पत्थर पानी में तैर रहें हैं। इनमें से एक पत्थर का वजन 28 किग्रा बताया जा रहा है जो की बड़े धातु के गोलते में तैर रहा है और दूसरे पत्थर को 52 किग्रा का बताया गया है जो की पानी की बड़ी हौज में तैर रहा है। लोगों ने इन पत्थरों को नदी में तैरते हुए देखा था इसके बाद में इनको नदी से लाकर स्थानीय मंदिर में ला कर रख दिया गया हालांकि लोग खुले तौर पर कुछ नहीं कह रहें हैं पर वे दबी जवान से इन पत्थरों को चमत्कारी मान रहें हैं।
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स्थानीय स्कूल में पढ़ाने वाले विज्ञान के टीचर दर्शन सिंह का कहना है कि पानी में तैरने वाले पत्थरों को प्यूमिस पत्थर कहते हैं और ये पत्थर इसलिए तैरते हैं क्योंकि इनमें असंख्य छोटे-छोटे छेद होते जिनमें हवा भरी होती है इसी प्रकार से चारकोल यानी कोयला भी पानी में तैरता है। प्यूमिस पत्थर की आंतरिक संरचना ब्रेड या केक जैसी होती है इसलिए इनके अंदर बने छिद्रों में वायु रहती है जो की पत्थर के घनत्व को कम कर देती है इसलिए आयतन में बड़ा होने के बाद में पत्थर पानी में तैरता है। इसके बाद में दर्शन सिंह ने स्कूल में इसका प्रयोग करके बच्चों को समझाया और दिखाया कि कैसे उनके हाथ लगा पत्थर भी तैरने लगा। इस प्रयोग से बच्चे समझ गए और किसी भी प्रकार अंधमान्यता में अन्य लोगों की तरह नहीं पड़े। सही बात यह है कि हर चीज के अंदर में कोई न कोई लॉजिक जरूर होता है चमत्कार जैसी कोई चीज नहीं होती और शिक्षा इसी को मानव को समझ कर सही मार्ग पर लाती है।