आप की तरह अभी तक हम भी यही सुनते आ रहे थे कि गंगा में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा की गंगा में स्नान करने से हमारे सारे पाप धुलें भी है की नहीं। शायद नहीं सोचा होगा, सोचते भी कैसे गंगा नदी से किसी तरह की कोई गारंटी थोड़े मिलती है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि अब हम पाप मुक्त हो गये हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में शायद ही आपने आजतक सुना होगा।
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दरअसल इस जगह को आदिवासियों का हरिद्वार कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे की ये कौन सा हरिद्वार आ गया। तो जान लें की राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक ऐसा मंदिर है। जिसका नाम गौतमेश्वर महादेव पापमोचन तीर्थ मंदिर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर के मंदाकिनी सरोवर में डुबकी लगाने से सारे पाप मुक्त होने की पूरी गारंटी मिलती है। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी की गारंटी भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि सर्टिफिकेट के साथ। लेकिन इसके लिए आपको बस अपने पापों से मुक्त होने के लिए 11 रूपये का दान करना पड़ता है। जिसके बाद आप पूरी तरह से हो जाते हैं पापमुक्त।
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इस मंदिर की यह सदियों पुरानी परंपरा है। वहीं यहां पर पाप मुक्त सर्टिफिकेट को जारी करने वाले पुजारियों को अमीनत कछारी कहा जाता है। पाप मुक्त के लिए वह सिर्फ एक रूपया लेते हैं। बाकी 10 रूपये में यहां पर दोष निवारण आदि के लिए लिया जाता है। वहीं आपको जानकर हैरानी हो की देश की अजादी के बाद से मंदिर के पास अब तक उन श्रद्धालुओं के सभी रिकॉर्ड मौजूद है। जिन्होंने इस मंदिर में दान देकर डुबकी लगाई है और वह पाप मुक्त सर्टिफिकेट पा चुके हैं। वहीं लोक कथाओं के अनुसार इसके पीछे भी एक कहानी बताई जाती है। बताया जाता है की “गौतम ऋषि को एक जानवर के मारे जाने के मामले में श्राप मिला था। फिर उन्होंने कुंड में डुबकी लगायी और खुद को पाप मुक्त कर लिया। इसके साथ ही इस परंपरा की शुरुआत हुई थी।
वैसे सोचने वाली बात ये हैं कि ऐसे ही कितने मामले देखने को मिलते हैं। वहीं ये सर्टिफिकेट अभी तो उनको पूरा गारंटेड पाप मुक्त करने का आश्वासन दे रहे हैं। लेकिन क्या मरने के बाद इंसान इन सर्टिफिकेट को ऊपर भी ले जा पाएगा।