महाराणा प्रताप से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें

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महाराणा प्रताप, एक ऐसा नाम है जिनका नाम लेने से ही मुगल सेना के पसीने छूट जाते थे। वह एक ऐसे राजा थे जो कभी किसी के सामने नहीं झुके थे। इतना ही नहीं, इनकी वीरता की कहानी सदियों से लोगों की जुबान पर है। लेकिन एकता की कमी के कारण वह पीछे रह गए नहीं तो जितना वजन अकबर में था, उतना तो महाराणा प्रताप के भाले का ही वजन था। महाराणा प्रताप मेवाड़ के हिंदू शासक थे। आज हम आपको इस महान शासक से जुड़े ऐसे किस्से बताने जा रहें हैं जिनके बारे में आपने शायद ही पहले सुना या पढ़ा होगा।

  •  बचपन में महाराणा प्रताप को प्यार से कीका नाम से पुकारा जाता था। उनके पिता का नाम राणा उदय सिंह था।
  •  महाराणा प्रताप का कद 7 फीट और 5 इंच था और उनका वजन 110 किलो था।
  •  प्रताप का भाला 81 किलो का था और उनकी छाती का कवच 72 किलो का था। उनका कवच, भाला, ढाल और दो तलवारों को मिलाकर कुल 208 किलो का वजन का था।
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  •  महाराणा की राजनैतिक कारणों की वजह के 11 शादियां हुई थी।
  •  महाराणा की तलवार, कवच और भाला आदि चीजें उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित रखें गए हैं।
  •  अकबर ने महाराणा प्रताप को यह कहा था कि अगर तुम मुगलों के सामने झुक जाते हो तो आधा भारत आपका रहेगा, लेकिन इस पर महाराणा प्रताप ने कहा कि भले ही मैं मर जाऊं लेकिन मुगलों के सामने सिर कभी नीचा नहीं करूंगा।
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  •  उनका घोड़ा चेतक काफी तेज चलता था। कहा जाता है कि चेतक ने घायल महाराणा प्रताप को बचाने के लिए हाथी के सिर पर पैर रख दिया था  और उन्हें लेकर 26 फीट के लंबे नाले से कूद गया था।
  •  महाराणा प्रताप ने मायरा की गुफा में घास की रोटी खाकर गुजारा था।
  •  महाराणा प्रताप का एक सेनापति सिर कट जाने के बाद भी कुछ देर तक लड़ता रहा।
  •  महाराणा प्रताप के घोड़े के सिर पर हाथी का मुखौटा लगाया जाता था, ताकि दूसरी सेना के हाथी घबरा कर कंफ्यूज हो जाएं।
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  •  प्रताप निहत्थे दुश्मन के लिए भी एक तलवार अपने पास रखते थे।
  •  अकबर ने एक बार यह भी कहा कि अगर प्रताप और जयमल मेड़तिया उनके साथ मिल जाते तो वह विश्व विजेता बन जाते।
  •  हल्दी घाटी युद्ध के 3 सौ साल बाद भी आज वहां पर तलवारे पाई जाती है।
  •  ऐसा कहा जाता हैं कि हल्दी घाटी पर हुए युद्ध में ना तो अकबर जीता था और ना ही राणा हारे थे। मुगलों के पास अगर सैन्य शक्ति काफी थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।
  •  लगभग 30 सालों तक कोशिश करने के बाद भी अकबर, महाराणा प्रताप को बंदी ना बना सका। वहीं महाराणा प्रताप की मौत की खबर सुनकर खुद अकबर भी रो पड़ा था।
Deepa
Deepahttp://wahgazab.com/
Born to 'READ' and 'WRITE' A journalism graduate from International Polytechnic for women. A young writer with the fond of writing over entertainment and socio-political issues in various verses.

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