ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा मुद्दा है जो पर्यावरण से जुड़ा है। यह एक सामाजिक मसला है, जिससे निपटने के लिए आए दिन कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में चिंता व्यक्त की जाती है। इस बारे में चर्चा तो सभी देश करते हैं, लेकिन इस समस्या से निपटने के लिए किसी के पास कोई ठोस उपाए नहीं है।
पूरी दुनिया जानती है कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या आज नहीं तो कल बड़ा रूप ले सकती है। भविष्य में कुछ भी अनहोनी होने के सुबूत आए दिन वैज्ञानिकों द्वारा दुनिया को मिलते रहते हैं। दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से आगाह करने के लिए क्लाइमेट सेंट्रल नाम की एक संस्था ने कलाकार निकौले लैम के साथ मिलकर कुछ तस्वीरें तैयार की हैं। इन तस्वीरों के जरिए उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि अगर ग्लोबल वार्मिंग के चलते दुनिया के तापमान में वृद्धि होती हैं तो इसका असर विभिन्न देशों के उन शहरों पर क्या होगा जो समुन्द्र के किनारे बसें हैं।
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इन तस्वीरों में भारत के मुंबई, अमेरिका के न्यूयॉर्क, ब्रिटेन के लंदन, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, चीन के शंघाई, दुबई और ब्राज़ील का रिओ शहर दिखाया गया है, जो पानी में डूबे नज़र आ रहे हैं।
हाल ही में तमाम देशों ने इसी विषय पर चर्चा की है और तापमान नियंत्रण के लिए कुछ स्थायी कदम उठाने पर सहमति बनती दिख रही है। खास बात यह है कि ये देश तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के हिसाब से चर्चा कर रहे थे, जबकि वर्तमान में यह अनुमान है कि तापमान में करीब 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।
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अब आप खुद सोचिए कि अगर सच में इन शहरों का सामान्य तापमान इतना बढ़ जाएगा तो यहां के लोगों की ज़िन्दगी कितनी बदतर हो सकती है। भविष्य के लिए अगर अभी से कोई ठोस कदम नहीं बढ़ाए गए तो यह डरावनी तस्वीरें सच भी हो सकती हैं।