सूर्य मंदिर – भारत के इन दो सूर्य मंदिरों पर नहीं पड़ता सूर्यग्रहण का प्रभाव

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सूर्यग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसका प्रभाव सभी जगह पर पड़ता है, ये बात अलग है कि यह प्रभाव कहीं कम देखने को मिलता है तो कहीं ज्यादा पर दुनिया में सिर्फ दो ही ऐसे मंदिर हैं जहां पर सूर्यग्रहण के समय इसका कोई प्रभाव नहीं होता है। यहां पर हम आपको आज इन दोनों मंदिरों के बारे में जानकारी दे रहें हैं आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में।

1- कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा –
कोणार्क का सूर्य मंदिर विश्व प्रसिद्ध है और यह एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है। इस मंदिर की बहुत ज्यादा महत्ता तो है ही साथ में कई पौराणिक मान्य भी जुड़ी हुई हैं। इस स्थान पर आज भी विश्व भर से खगोलशास्त्री सूर्यग्रहण का नजारा देखने के आते रहते हैं। यह मंदिर उड़ीसा के पूर्वी जिले में स्थित चंद्रभागा नदी के तट पर बना हुआ है। इस मंदिर के साथ में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की भी घटना जुड़ी हुई है, साथ ही कई पौराणिक कहानियां भी इस मंदिर से जुड़ी हुई हैं, इसलिए इस मंदिर को देखने के लिए बहुत से धर्मवादी लोग भी आते रहते हैं।

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2- सूर्य मंदिर, यमुनानगर –
यह भारत का दूसरा ऐसा मंदिर है जिस पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह मंदिर हरियाणा के यमुनानगर में स्थित है। इस मंदिर पर सूर्य ग्रहण के समय बहुत से लोग और साधु-संत आदि भी आते हैं तथा सूर्य ग्रहण को देखते हैं। इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि ” सूर्यग्रहण के समय मंदिर के प्रांगण में आने-वाले किसी भी प्राणी पर ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता। मंदिर के प्रांगण में सूर्य कुंड इस प्रकार से बना है कि सूर्य की किरणें इस प्रकार पड़ती हैं कि वो कुंड में ही समां जाती हैं।”

कहा जाता है कि इस मंदिर के सूर्यकुंड में पांडवों ने भी स्नान कर सूर्य उपासना की थी और आज भी इस कुंड के साथ में यह मान्यता जुड़ी हुई है कि इसमें स्नान करने पर सभी रोग दूर हो जाते हैं।

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