समय के साथ-साथ देश और समाज ने काफी तरक्की की है। जहां तक देश की आधी आबादी की बात है तो महिलाओं की शिक्षा और आत्मनिर्भरता का स्तर भी बढ़ा है, लेकिन इसके साथ-साथ इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आज भी देश के कई हिस्सों में लड़कियों को शिक्षा और रोजगार के वह अवसर नहीं मिल रहे जो उन्हें मिलने चाहिए। इन लड़कियों और महिलाओं का जीवन घर के कामकाज तक ही सिमट कर रह गया है। ऐसी लड़कियों और महिलाओं में उम्मीद की एक किरण जगाई है ‘सोफिया शैक्षिक और वेलफेयर सोसायटी’ ने।
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यह संस्था लड़कियों की शिक्षा के साथ-साथ उनके लिए रोजगार की भी मुकम्मल व्यवस्था करती है। सोफिया शैक्षिक और वेलफेयर सोसायटी की मदद से अब तक हजारों लड़कियां और महिलाएं शिक्षा हासिल कर आत्मनिर्भर होकर पूरे सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। यही नहीं इनमें से कुछ महिलाएं तो खुद के साथ-साथ अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। आइए एक नजर डालते हैं सोफिया शैक्षिक और वेलफेयर सोसायटी पर।
सोफिया की मदद से महिलाओं को मिला रोजगार-
2004 के बाद से “सोफिया शैक्षिक और वेलफेयर सोसायटी” महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, वकालत और सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम कर रही है। यहां लड़कियों को सिलाई, ड्रेस डिजाइनिंग, ब्यूटी कल्चर, कंप्यूटर आदि की जानकारी दी जाती है। विशेष रूप से अल्पसंख्यक क्षेत्र और समाज के कमजोर वर्ग के लिए यह संस्था काम कर रही है। पिछले 8 सालों में हजारों महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षित किया है। इनमें से कुछ अलग-अलग कंपनियों में कार्यरत हैं तो कुछ अपना खुद का व्यवसाय कर रही हैं।
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शिक्षा के क्षेत्र में किए कई काम-
सोफिया ओपन स्कूलिंग का राष्ट्रीय संस्थान, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक अधिकृत अध्ययन केंद्र है। कोर्स पूरा करने के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग की तरफ से परीक्षा ली जाती है और फिर एनआईओएसए मानव संसाधन विकास मंत्रालय प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराता है। यह प्रमाणपत्र उन्हें प्राईवेट व सरकारी क्षेत्र में रोजगार हासिल करने में मदद करते हैं।
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महिलाओं के अधिकारों के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं-
सोफिया में 40 से अधिक समूह चल रहे हैं और प्रत्येक समूह में बीस या पच्चीस महिलाएं हैं। सोफिया की टीम पिछले एक दशक से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए काम कर रही है। सोफिया पहली से 12वीं कक्षा तक के अल्पसंख्यक छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति, छात्रवृत्ति आदि के रूप में लगभग पांच हजार रूपए छात्रवृत्ति भी दे रही है।
गैर सरकारी संगठन सोफिया महिलाओं के हित के लिए दिल्ली आयोग के साथ काम कर रहा है। इसके जरिए महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, शारीरिक व मानसिक शोषण के प्रति जागरूक किया जाता है। समय-समय पर काउंसलिंग या अन्य कार्यक्रमों के जरिए लड़कियों, महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताया जाता है।
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यही नहीं जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज कराने, कानूनी परामर्श तक में मदद की जाती है। इसके साथ-साथ कम उम्र में अपनी बेटी की शादी करने वाले माता-पिता को भी ऐसा करने से रोका जाता है। साथ ही उनकी काउंसलिंग करने के लिए एक टीम भी बनाई गई है। यह संस्था आवश्यकता पड़ने पर महिलाओं को दिल्ली कानूनी सेवा के अधिकारियों की मदद से बिना कोई शुल्क लिए वकील भी उपलब्ध कराती है। सोफिया पिछले 6 वर्षों से उर्दू, अरबी भाषा को बढ़ावा दे रही है और भारत के विभिन्न राज्यों में सुलेख प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया है।
बेहतरीन कार्यों के लिए मिल चुका है सम्मान-
सोफिया शैक्षिक और वेलफेयर सोसायटी को उसके बेहतरीन कार्यों के लिए, विशेष रूप से लड़कियों, महिलाओं के उत्थान में किए गए प्रयासों के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ-साथ भारत में सबसे अच्छे सामाजिक कार्यों के लिए दैनिक समाचार पत्र पंजाब केसरी की तरफ से भी सोफिया को मीडिया अवॉर्ड दिया जा चुका है।