काले धन को वैध बनाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली मुखौटा कंपनियों के मामले में एसआईटी अब कड़ा रुख अपना रही है। एसआईटी ने मुखौटा कंपनियों के जरिए हो रहे हवाला कारोबार पर रोक के लिए कड़ी निगरानी का सुझाव दिया है। कर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय सहित विभिन्न एजेंसियों से कहा है कि वे खासकर एक ही पते से परिचालन कर रही कंपनियों को लेकर ज्यादा सावधानी दिखाएं।
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एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मुखौटा कंपनियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का सुझाव दिया है। साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आग्रह किया है कि वे ऐसी कंपनियों के बारे में सूचनाओं का उचित ढंग से निरीक्षण करें। एसआईटी की रिपोर्ट में ऐसे 2627 लोगों का उल्लेख किया गया है जो 20-20 से अधिक कंपनियों में निदेशक बने हुए हैं, जो कि कंपनी कानून 2013 का उल्लंघन है।
रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर 345 ऐसे पते हैं जिनमें 20-25 से ज्यादा कंपनियां चलाई जा रही हैं। वहीं, 13581 कंपनियां ऐसी हैं जिनके मामले में उनके पते से कम से कम 19 और कंपनियां भी परिचालित की जा रही हैं।
एक पते से कई कंपनियों के संचालन पर रोक नहीं-
फिलहाल एक ही पते से कई कंपनियों के परिचालन पर रोक के लिए अभी कोई विशेष कानून या नियम नहीं है। एसआईटी चाहती है कि सीबीडीटी, सीबीईसी, ईडी व एफआईयू जैसी विधि प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियां इस तरह की कंपनियों के परिचालन की जांच में कड़ी सतर्कता बरते।
मुखौटा कंपनियों का मकसद–
मुखौटा कंपनियां उन इकाइयों को कहा जाता है जिनकी स्थापना सिर्फ धन को इधर से उधर भेजने के लिए होती है। ये कंपनियां हकीकत में कोई कारोबार नहीं करतीं।