आपने अक्सर गांवों में लोगों को खुले में शौच करते हुए देखा होगा, लेकिन आपको बता दें कि अगर आप उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक गांव में ऐसा करते पाए गए तो आपको अचानक सीटी की आवाज सुनाई देने लगेगी। ऐसा और कोई नहीं, बल्कि आपके ही पड़ोसी कर सकते हैं। दरअसल ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि गांव में हर कोई अपने घर में शौचालय बनवाए। इस गांव में यह भी देखा गया है कि जिन के घरों में शौचालय हैं, वह भी शौच खुले में करते हैं। इसे रोकने के लिए गांव वाले ऐसा कर रहे हैं।
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सरकार ने गांवों के घर-घर में शौचालय बनवाया है, लेकिन इसके बावजूद गांव के बच्चे और बुजुर्ग खेतों में शौच के लिए निकल जाते हैं। लोगों की इस आदत को छुड़वाने के लिए गांव की सभा ने यह कदम उठाया और लोगों को सुबह सवेरे खुले में शौच करता हुआ पाकर सीटी और टॉर्च की लाइट और थालियां पीटते हुए उन्हें वहां से हटाया। ऐसे में जब पकड़े गए लोगों से सवाल किया जाता है तो उनका बहाना एकदम तैयार रहता है। वह कहते हैं कि शौचालय जाने से उनके पेट में गैस बन जाती है और पेट ढंग से साफ नहीं होता है।
हम आपको बता दें कि सुबह सवेरे औरतों और लड़कियों के खेत में शौच के लिए जाने से रेप की भी वारदातें बढ़ जाती हैं। हरेंद्र पाल सिंह, जो कि इस स्वयंसेवकों के नेता हैं उन्होंने कहा कि ऐसा करके वह गांव के लोगों की सेहत और औरतों की इज्जत बचाने की तरफ एक कदम उठा रहे हैं।
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आपको बता दें कि गांव में बने यह शौचालय सीवर लाइन से नहीं जोड़े गए हैं। इसमें काफी बड़े-बड़े गड्ढे बनाए गए हैं, जिसमें मल इकट्ठा होकर कुछ समय बाद खाद बन जाता है। वहीं कुछ गांववालों का कहना है कि खुले में शौच करने के लिए केवल पानी का एक मग चाहिए और शौचालय में शौच करने के लिए पानी काफी इस्तेमाल होता है।
बता दें कि विश्वभर में करीब 1 अरब लोग शौच करने के लिए खेतों में जाते हैं। जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत भारत के लोग हैं।