महाराष्ट्र स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में एक लंबे अरसे से चली आ रही परंपरा टूट गई है। पिछले 400 सालों से इस मंदिर में महिलाओं को आने की इजाजत नहीं थी। अब मंदिर ट्रस्ट ने महिलाओं को पूजा करने की इजाजत दे दी है। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश व पूजा की इजाजत पहले ही दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मंदिर न्यास ट्रस्ट ने महिलाओं को पूजा नहीं करने दिया था, लेकिन फिर शुक्रवार को पुरुष श्रद्धालुओं के जबरदस्ती घुसने के बाद मंदिर प्रशासन ने महिलाओं को पूजा करने की इजाजत दे दी जिसने इतिहास बदल कर रख दिया। ट्रस्ट ने पूजा करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को आमंत्रित किया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मंदिरों में जाना महिलाओं का मौलिक अधिकार है। जिसके बाद तृप्ति देसाई कुछ महिलाओं के साथ पूजा करने के लिए शनि शिंगणापुर मंदिर पहुंची तब ट्रस्ट ने उन्हें घुसने नहीं दिया था। इसके बाद महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने पुरुषों को भी मुख्य शिला पर पूजा करने पर रोक दिया। लोगों में इस चीज को लेकर गुस्सा था और फिर शुक्रवार को पुरुष श्रद्धालुओं ने जबरदस्ती घुस कर मुख्य शिला पर जाकर पूजा की। यहां तक कि पुलिस भी इन्हें रोकने में नाकामयाब रही।
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महिलाओं को पूजा की मंजूरी मिलने के बाद तृप्ति देसाई महिलाओं का जमघट लेकर शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए रवाना हो गई हैं। तृप्ति देसाई महिलाओं को मंदिर में पूजा करने के अधिकार के लिए लड़ रही हैं। आपको बता दें कि उनकी अपील पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया और कहा कि कानून सबके लिए बराबर होता है। किसी को भी मंदिर में अंदर जाने के लिए रोका नहीं जाएगा।