दिल्ली एयरपोर्ट पर बीते दिनों हुए एक मामले को लेकर आलोचनाओं का दौर अभी खत्म नहीं हुआ था कि मुंबई एयरपोर्ट पर शर्मसार कर देने वाला दूसरा मामला सामने आ गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर जहां एक विकलांग महिला को प्लेन से बाहर आने के लिए रेंगकर आना पड़ा था, वहीं मुंबई एयरपोर्ट पर हुए इस मामले को सुनकर लोग इसकी अलोचना करने से नहीं चूकेंगे। इस कारनामे को सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर एयरपोर्ट के अधिकारी किसी महिला के साथ चेकिंग के नाम पर ऐसा कैसे कर सकते हैं। हम आपको पूरा वाकया बताएं उससे पहले आपको बता दें कि इस मामले की जानकारी खुद पीड़िता ने ट्विटर पर दी है। उसने बताया कि यह एक जबरदस्ती का फैसला था। जिसे अनिवार्य सिक्योरिटी चेक के नाम पर मुझसे करवाया गया और मुझे मजबूरन ऐसा करना पड़ा।
जिस महिला के साथ यह सब हुआ वह एक विकलांग पैसेंजर थी। जिसका एक पैर प्रॉस्थेटिक (कृत्रिम) था। इस बारे में उसके बताने का बावजूद भी अधिकारियों ने उसे उसके प्रॉस्थेटिक लेग को दिखाने के लिए जींस को उतारने के लिए कहा। जिसके बाद उसे मजबूरन जींस उतारनी पड़ी। इतना ही नहीं इस दौरान उसके प्रॉस्थेटिक लेग को स्कैनर से भी गुजरना पड़ा। इस दौरान पीड़िता अपने आंसू नहीं रोक पाई और ट्विटर के माध्यम से अपने साथ एयरपोर्ट पर हुए इस दुर्व्यवहार की जानकारी दी।
इस पीड़िता का नाम अंतारा टेलांग है, जो कि एक स्टार्ट-अप की डायरेक्टर हैं। अंतारा को जेट एयरबेस की फ्लाइट पर चढ़ने से सिक्योरिटी से होकर गुजरना पड़ा। इस दौरान उसे मेटल डिटेक्टर ने पकड़ लिया। जिसके बाद कई लोगों ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
वहीं, सीआईएसएफ के अधिकारी ने बताया कि मुंबई एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट है। ऐसे में अगर सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों को कोई आशंका होती है तो चेकिंग करना गलत नहीं है। ऐसे में अधिकारियों की चेकिंग का पैसेंजर बुरा मान जाते हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ अपना काम कर रहे हैं।