अपने देश में बहुत से लोग ऐसे रहे जो प्रेम और भाईचारे की मिसाल कायम करते रहे। देखा जाए तो इस प्रकार के लोग आज भी हमारे समाज में हैं और सद्भावना व शांति का संदेश दे रहे हैं। इस प्रकार की मानसिकता वाले लोगों के विचारों को देखा जाये तो यह बात साफ हो जाती है कि ये लोग किसी कट्टरवादी या फिरकावादी सोच के पीछे न चलकर सिर्फ मध्यवर्ती और मानवतावादी विचारों को अपने जीवन में उतारते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति से मिला रहे हैं जिनका मानना है कि हिन्दू और मुस्लिम लोगों के बीच यदि समानता और समरसता के बीज बोये जाएं तो इन दोनों मजहबों के बीच में किसी प्रकार की दूरी नहीं रहेगी।
जानिए सहाबुद्दीन अहमद उर्फ समीर के बारे में-
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हिंदू और मुस्लिम लोगों को प्रेम व भाईचारे का सन्देश देने वाले यह शख्स हैं सहाबुद्दीन अहमद उर्फ समीर। सहाबुद्दीन अहमद गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में रहते हैं। जितने शौक और उत्साह से वे मुस्लिम त्योहार मनाते हैं उतने ही उत्साह से वे होली, दीपावली और नवरात्र भी मनाते हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सहाबुद्दीन अहमद लखनऊ यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर चुके हैं और वर्तमान में “अरब कल्चर” में पढ़ाई कर रहे हैं। वे पिछले 5 सालों से नवरात्र के व्रत भी रखते हैं। सहाबुद्दीन अहमद परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के पड़ोसी भी हैं। वह हिंदू और मुस्लिम दोनों ही मजहबों से जुड़े सारे त्योहार मनाते हैं।
क्या कहते हैं सहाबुद्दीन अहमद-
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सहाबुद्दीन अहमद का कहना है कि किसी भी मजहब में किसी दूसरे मजहब की बुराई नहीं लिखी है। मेरे कई हिंदू दोस्त भी रोजे रखते हैं। यदि हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं तो बदले में हमें भी सम्मान मिलता है। प्रेम और भाईचारे की भावना से ही आपसी मतभेद को मिटाया जा सकता है। सहाबुद्दीन अहमद का कहना है कि मुस्लिमों की ईद और हिंदुओं की होली की रूपरेखा एक ही होनी चाहिए। इससे दोनों के बीच की दूरियां काफी हद तक भर जाएंगी। सहाबुद्दीन अहमद नवरात्र के उपवास के दौरान प्रसाद के रूप में सभी को फल बांटते हैं और ईद की तरह ही सभी हिन्दू-मुस्लिम लोगों से गले मिलते हैं।