आपने अपने आस-पास चमगादड़ को घूमते हुए तो देखा ही होगा पर क्या आप जानते हैं कि इन्हें ‘पिशाच चमगादड़’ के नाम की संज्ञा देकर क्यों जाना जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ये चमगादड़ इंसानों का खून भी चूसते है। जो आज के समय में कई खतरनाक बीमारियों को फैलने का भी कारण मुख्य कारण बन सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार मनुष्य का खून चूसने वाले इन चमगादड़ों में रेबीज का घातक वायरस मौजूद होता है, जो सीधे हमारे मस्तिष्क पर अटैक करके शून्य कर देता है। शोधों के एक दल ने कतिम्बऊ नेशनल पार्क में रहने वाले वैम्पायर को पकड़कर इनके मल के 70 नमूनों पर रिसर्च की। इन पर हुए रिसर्च से निकले परिणामों में यह पाया गया कि यह प्रजाति मनुष्यों के खून के साथ बड़े-बड़े पक्षियों के खून को चूसने के लिए सबसे आगे रहती है।
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‘न्यू साइंटिस्ट’ के द्वारा किए गए शोध के मुताबिक चमगादड़ को रात के अंधेरे में ही साफ नजर आता है और रात में ही ये अवाज के सहारे बड़े आकार के पक्षियों पर अपना निशाना साधने को तैयार हो जाते है। यह अमूनन एक बूंद से एक चम्मच के बराबर का खून चूस लेते हैं। चमगादड़ ज्यादातर उन्हीं पक्षियों का खून चूसते है जिसमें वसा की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा उन्हे ज्यादा प्रोटीन वाले मनुष्य का खून चूसना रास नहीं आता।