बहुत से लोग अक्सर ऐसा कहते हैं कि आज के समय में इंसानियत और मानवता के लिए कोई जगह नहीं बची है। यदि आप मतलबी नहीं हैं तो आपका जीना आज के समय में बेहद मुश्किल है। इस प्रकार की बातें कहने वालों के लिए बिजेंद्र ने नई मिसाल कायम की है। आपको बता दें कि बिजेंद्र एक रिटायर्ड आर्मी मैन हैं और वर्तमान में देहरादून में इलाहाबाद बैंक के एटीएम में जॉब करते हैं। “शेर बूढ़ा होने पर भी दहाड़ना नहीं छोड़ता है” इस कहावत पर बिजेंद्र बिल्कुल खरे उतरते हैं।
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बिजेंद्र ने सेना से रिटायर होने के बाद एटीएम में गॉर्ड की जॉब शुरू की और देश सेवा की भावना के चलते एटीएम के बाहर ही गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया। यह स्कूल उन बच्चों के लिए खोला गया है जो आर्थिक परेशानियों के चलते पढ़ नहीं पाते हैं। इस स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चे इमारतों में काम करने वाले मजदूरों के हैं तो कुछ बच्चे दिन में काम करते हैं और रात को बैंक एटीएम पर पढ़ने के लिए बिजेंद्र के स्कूल में आ जाते हैं।
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बिजेंद्र इन बच्चों से कोई फीस नहीं लेते हैं बल्कि इनके लिए किताब और कॉपी भी अपने ही पैसों से लाते हैं। इन सब कार्यों के बावजूद वह अपनी ड्यूटी भी मेहनत और ईमानदारी से पूरी करते हैं। वह कहते हैं कि उनका काम सुरक्षा का है और बच्चों की पढ़ाई देश की जरूरत, बच्चे पढ़ेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। बिजेंद्र ने यह जो कार्य किया है इसकी तुलना कभी किसी से हो ही नहीं सकती है। पहले देश के लिए रात भर सीमा पर खड़े रहना और रिटायर होने बाद में देश के बच्चों के लिए रात को जागना, इस प्रकार का जज्बा सिर्फ एक फौजी में ही हो सकता है।