जंगल के बीच रहने वाले एक बच्चे के ऊपर बनी फिल्म ‘द जंगल बुक’ बच्चों का काफी मनोरंजन करा रही है। यह फिल्म अभी हाल ही में रिलीज की गई है। ‘द जंगल बुक’ में जंगल में रहने वाले एक बच्चे के रहन सहन को दिखाया गया है। जो जीने के लिए जंगल के बीच रहकर जंगली जानवरों का काफी सामना कर इनके बीच रहने को मजबूर हो जाता है। जिसमें इस बच्चे का पालन पोषण एक भेड़िया के द्वारा किया जाता है, जिस कारण वह बच्चा भेड़िया की तरह ही हरकतें करने लगता है। जिसे लोग मोगली के नाम से पुकारते हैं। हकीकत में इसी तरह के एक मोगली से लोगों का सामना हुआ है। यह मोगली छत्तीसगढ़ का है।
रायपुर से 75 किमी दूर राजनंद गांव का यह बच्चा सुरेंद्र ना केवल अपने ही गांव में बल्कि आस-पास के पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। राजनांद गांव के एक हॉस्पिटल में जब इसे इलाज के लिए लाया गया तो इसकी हरकतों को देख सब आश्चर्य में पड़ गये। इसकी सारी हरकतें मोगली से मिलती-जुलती होने के कारण गांव के लोग इसे मोगली के नाम से ही जानते हैं। यह मोगली के समान ही पेड़ों से लेकर पहाड़ों पर और जंगल के अंदर रहने वाले जंगली जानवरों के बीच रहना पसंद करता है। मोगली की तरह ही हरकतें करता हुआ यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर लटक कर पहुंच जाता है।
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जब किसी गाड़ी को गुजरते हुये देखता है तो खुशी के साथ तेजी से दौड़ते हुए उसका पीछा करता है। कई बार तो इसी तरह से भागते हुये यह आस-पास के दूसरे गांवों तक पहुंच जाता है फिर लोग इसे वापस उसी के घर छोड़ कर चले जाते हैं।
बताया तो यह तक जाता है कि जंगली जानवरों के बीच रहने के कारण आज तक किसी जानवर ने इसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया। सुरेन्द्र की तरह इसकी छोटी बहन राजेश्वरी भी इसी प्रकार की हरकतें करती है। वह भी बिना किसी डर के पेड़ पर चढ़ने व ऊंचाई से नीचे कूदने में माहिर है। वैसे ये दोनों दिमागी तौर पर कमजोर बताये जा रहे हैं। यहां के कलेक्टर ने हास्पिटल के डॉक्टर्स को सुरेंद्र और राजेश्वरी की देखरेख करने के साथ इनके इलाज के कड़े निर्देश दिए हैं।