भारत की तरफ से रियो ओलंपिक में खेलने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने शुक्रवार को रजत पदक जीतकर एक नया इतिहास रचा । पीवी सिंधु का फाइनल में स्पेन की तरफ से खेलने वाली कैरोलिना मारिन के साथ मुकाबला हुआ। जिसमें सिंधु 19-21, 21-12, 15-21 से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई, लेकिन बावजूद इसके वह भारत देश को रियो ओलंपिक में रजत पदक दिलाने वाली पहली महिला बन गई।
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21 वर्षीय सिंधु भारत की सबसे कम उम्र में पदक हासिल करने वाली पहली महिला बन गई हैं। सिंधु ने ओलंपिक में काफी अच्छा प्रदर्शन किया और रोमांचक तरीके से खेल में हिस्सा लिया। भारतीय बैडमिंटन संघ ने सिंधु की इस जीत के बाद उन्हें इनाम के रूप में 50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है, वहीं उनके कोच पुलेला गोपीचंद को दस लाख रुपए देने की घोषणा की है। सिंधु के रजत पदक जीतने से सारा देश खुशी से झूम उठा और कई बड़े स्टार्स और नेताओं के साथ ही देश के प्रधानमंत्री ने भी सिंधु की जीत के लिए उन्हें ट्विटर पर बधाई दी।
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इस बार ओलंपिक में हमारे देश की महिला खिलाड़ियों का काफी योगदान रहा है, ऐसे में पी वी सिंधु के साथ ही साक्षी मलिक और दीपा करमाकर ने भी रियो ओलंपिक में अपने देश को गौरवांवित किया है। साक्षी ने 22 साल की उम्र में फ्रीस्टाइल पहलवानी में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया, तो वहीं दूसरी ओर दीपा करमाकर हार कर भी जीत के काफी पास रहीं। दीपा भारत की तरफ से महिला जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंच गई और देश में एक नया इतिहास रच दिया, ऐसा करने वाली दीपा पहली भारतीय जिम्नास्ट रहीं। दीपा के लगातार अच्छे प्रदर्शन से देशवासियों की उम्मीदे उनसे काफी बढ़ रही थीं। लेकिन फाइनल में महज कुछ अंकों से वह कांस्य पदक जीतने से चूक गई।
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इन तीनों खिलाड़ियों ने इस बात को साबित कर दिया कि अगर हमारे देश की महिलाओं को बेहतर सुविधा दी जाएं तो वह किसी पर भी भारी पड़कर अपने देश का नाम दूसरे देशों में रोशन कर सकती हैं।