पिछले दिनों पूरे देश में डेंगू के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। यह बीमारी जहां स्वास्थ्य विभाग के पसीने छुड़ा चुकी है, वहीं अब इसके बाद आपको बीमार करने के लिए स्वाइन फ्लू अपनी बांहे पसारे खड़ा है। इस बीमारी से खुद व अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने के लिए अब आपको भी इसकी सावधानियों पर विशेष ध्यान रखना होगा।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े जानकारों की मानें तो नवम्बर माह में स्वाइन फ्लू के मारिजो की संख्या में तेजी से इजाफा हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू की समस्या में विफल होने के बाद अब पहले से ही अपनी कमर कस रहा है और पहले से ही संबंधित दवाएं मंगवाई जाने लगी है। जानकारों की माने तो इस बीमारी से पहले ही कुछ सावधानियों को अपनाकर हम अपने को इस भंयकर बीमारी की चपेट में आने से बचा सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्वाइन फलू एन्फ्लूएंजा वायरस की खासियत यह है कि यह लगातार अपना स्वरूप बदलता रहता है। इसकी वजह से यह उन एंटीबॉडीज को भी मात दे देता है जो पहली बार हुए एन्फ्लूएंजा के दौरान विकसित हुई थीं। यही वजह है कि एन्फ्लूएंजा के वैक्सीन का भी इस वायरस पर असर नहीं होता।
क्या है लक्षण-
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स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा के लक्षणों की तरह ही होते हैं।
बुखार,
तेज ठंड लगना,
गला खराब हो जाना,
मांसपेशियों में दर्द होना,
तेज सिरदर्द होना,
खांसी आना,
कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण इस बीमारी के दौरान उभरते हैं।
कैसे बचेंगे-
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अधिकतर एन्फ्लूएंजा के वायरस का मानवों में संक्रमण श्वास प्रणाली के माध्यम से होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसे उपकरणों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, उन्हें भी संक्रमित कर सकता है। स्वस्थ्य व्यक्तियों को भी दरवाजों के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने बचना चाहिए।
क्या बरतें सावधानियां-
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बार-बार अपने हाथों को साबुन या ऐसे सॉल्यूशन से धोना जरूरी होता है जो वायरस को फैलने से बचाता है। नाक और मुंह को मास्क से ढंकना जरूरी होता है। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।
क्या है इलाज –
संक्रमण के लक्षण प्रकट होने के दो दिन के अंदर ही एंटीवायरल ड्रग देना जरूरी होता है। इससे एक तो मरीज को राहत मिल जाती है तथा बीमारी की तीव्रता भी कम हो जाती है। तत्काल किसी अस्पताल में मरीज को भर्ती कर दें ताकि मरीज को तुरंत आराम मिल सके। अधिकांश मामलों में एंटीवायरल ड्रग तथा अस्पताल में भर्ती करने पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।