यदि किसी इंसान की असामान्य मौत हो जाए तो ऐसे में पोस्टमार्टम कराकर उसके मरने की वजह जानी जाती है। ऐसे में उसके शरीर के हिस्सों की अच्छी तरह जांच की जाती है। यह जांच हमेशा बंद कमरे में की जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह बंद कमरे में नहीं बल्कि खुले पेड़ के नीचे होती है। यहां ब्लॉक मुख्यालय सोनहत में हासदो नदी के पास ऐसा किया जाता है। यहां पर कई गांवों से लोग लाश का पोस्टमार्टम कराने आते हैं, लेकिन डॉक्टर्स को पोस्टमार्टम पेड़ के नीचे ही करना पड़ता है।
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दरअसल हसदो नदी के पास एक मॉर्चरी बनवाई गई थी, लेकिन गांववालों के अनुसार मॉर्चरी के प्रशासन ने उसकी ठीक से देखभाल नहीं की। जिस वजह से कुछ लोगों ने उसे अपने नशे का अड्डा बना दिया। इतना ही नहीं उन्होंने मॉर्चरी के लाश रखने वाले चबूतरे और छत दोनों ही तोड़ दिये। यही वजह है कि डॉक्टर्स ने खुले मैदान में पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिया है।
डॉक्टर्स के मुताबिक चाहे कितनी भी भीषण गर्मी हो उन्हें पेड़ के नीचे ही पोस्टमार्टम करना पड़ता है, लेकिन मुश्किल तब आती है जब बारिश का मौसम आता है। इस दौरान पोस्टमार्टम करना बिल्कुल संभव नहीं हो पाता है।