देश में कई मंदिर अपनी विशेष परंपरा के लिए जाने जाते हैं। अपनी इन्हीं परंपराओं के कारण ही ये मंदिर दुनिया के अन्य देशों में भी फेमस हैं। अपनी-अपनी मान्यताओं के लिए इन मंदिरों में हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ता रहता है। अपने विशेष प्रसाद के लिए केरल का एक मंदिर भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां भगवान को चॉकलेट का भोग लगता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान चॉकलेट से ही भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि इस मंदिर में कैसे चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा का आरम्भ हुआ और कैसे यह पूरे देश के लिए चर्चा का विषय बन गया।
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चॉकलेट वाला मंदिर केरल के अलप्पुझा में है। इस थेकन पलानी बालासुब्रमण्यम मंदिर में केरल के भगवान मुरूगन स्वामी का मंदिर है। इस मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद के लिए यह पूरे देश सहित दुनिया भर में मशहूर है। इस मंदिर में चॉकलेट का प्रसाद चढ़ाया जाता है। भगवान को चॉकलेट का प्रसाद चढ़ाने के साथ ही यह प्रसाद भक्तों में भी वितरित किया जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र स्वामी कार्तिकेय ही केरल में मुरूगन स्वामी के नाम से जाने जाते हैं।
इस मंदिर में भगवान मुरूगन स्वामी को रोज श्रद्धालु भोग लगाने आते हैं। यह मंहिद अलप्पुझा शहर के बाहरी इलाके में ही मौजूद है। इस मंदिर में चॉकलेट प्रसाद के रूप में चढ़ाने के कारण का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। ऐसा माना जाता है कि पहले इस मंदिर में बच्चे भगवान को चॉकलेट प्रसाद रूप में चढ़ाया करते थे। बाद में यह परंपरा ही शुरू हो गई। जब भी परीक्षा शुरू होती है उस दौरान यहां पर रहने वाले छात्र भारी तादाद में मंदिर में पहुंचते हैं। साथ ही इस मंदिर में पहुंचकर छात्र अपनी सफलता की कामना करते हैं।
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जिन लोगों को चॉकलेट बेहद पसंद है वो इस मंदिर में भारी संख्या में आते हैं। इसके अलावा हर बार लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाने वालों के बीच भी इस मंदिर की विशेष परंपरा कोतुहल बनी हुई है। इस मंदिर में बच्चे बेहद आनंद का अनुभव करते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में एक विशेष प्रकार की शांति का अहसास होता है। साथ ही इस मंदिर के लिए यह भी मान्यता है कि यहां भगवान को चॉकलेट मात्र का प्रसाद चढ़ाने से स्वामी मुरूगन सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।