आज का समय विज्ञान का दौर है और पानी को फिल्टर करने के लिए लोग मशीनों की सहायता लेते हैं, पर अपने ही देश में एक जगह ऐसी भी है जहां के निवासी मशीन से नहीं, बल्कि लाशों द्वारा फिल्टर किया हुआ पानी पीते हैं। जी हां, यह स्थान अपने ही देश में मौजूद है, आप सोच रहें होंगे कि आखिर इस स्थान के लोग ऐसा करते क्यों है, तो आज हम आपको बता रहें हैं इस गांव की असल स्थिति को।
इस गांव का नाम “राजघाट” है और यह राजस्थान के धौलपुर से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस गांव की स्थिति काफी दयनीय है। इस गांव में आपको मोबाइल तथा टीवी तो मिलेंगे पर बिजली नहीं मिल पाएंगी, दूसरी ओर यहां के लोगों का कहना है कि सड़कें तो उन्होंने सिर्फ शहर में ही देखी हैं यानि इस गांव में सड़कों का भी आभाव है। जहां तक पानी की बात है तो यहां के लोग गांव के करीब बहाने वाली चम्बल नदी पर ही आश्रित हैं, पर गांव वालों का कहना है कि नदी से पीने का पानी लेने के लिए उनको नदी में बहकर आई लाशों को एक ओर करना पड़ता है उसके बाद ही वे यहां से पानी भर पाते हैं।
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गांव के लोगों का कहना है कि इस नदी में मगरमच्छ भी नजर आते हैं और कई बार वे पानी भरने आने वाले लोगों को अपना निवाला बना लेते हैं। गांव में टीवी तथा मोबाइल तो है पर बिजली नहीं है इसलिए गांव के लोगों को अपने मोबाइल चार्ज करने के लिए राजघाट से बाहर जाकर खंभों पर लटके तारों से सहारा लेना पड़ता है। गांव के लोगों का कहना यह भी है कि यहां पर बहुत सी समस्याएं हैं, इसलिए कोई भी अपनी बेटी को इस गांव में ब्याहाने को तैयार नहीं होता, पिछले 20 वर्षों में इस गांव में सिर्फ 2 ही शादी हुई हैं। इस प्रकार से अनेक समस्याओं के होते हुए लोग इस गांव में लोग पानी को भी तरस रहें हैं तथा उनको लाशों के बीच से पीने का पानी लाना पड़ रहा है।
