आज हम आपको बताने जा रहें हैं अपने देश के एक ऐसे स्थान के बारे में जहां पर साधारण लोग सांपों के साथ में आपको खेलते मिल जायेंगे, असल में इस जगह की खासियत यही है कि यहां पर सांप के काटने से कभी किसी की मृत्यु नहीं होती है। आइये जानते हैं इस स्थान के बारे में।
यह स्थान है उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर में, इस शहर के पटकापुर इलाके में एक 200 साल पुराना मंदिर स्थित है जिसका नाम खेरेपति मंदिर है। सोमवार को काफी युवतियां मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए तथा सांपों को दूध पिलाने के लिए आती है। सांपों को दूध देते समय सभी लोग उनके साथ खेलते भी हैं। असल में इस मंदिर में यह मान्यता है कि यहां पर सावन के किसी भी सोमवार या नागपंचमी को मंदिर में पूजा करने और सांपों को दूध पिलाने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है इसलिए लोग नागपंचमी तथा सोमवार को बहुत ज्यादा संख्या में यहां आते हैं। इसके अलावा लोगों का मानना है कि इन दिनों में ही इच्छाधारी नाग-नागिन भी इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं। जहां तक बात सांप जैसे खतरनाक जीव की है तो बता दें कि आज तक कभी किसी सांप ने इस इलाके में किसी भी व्यक्ति को नहीं काटा है।
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आते हैं इच्छाधारी नाग-नागिन –
यहां के पुजारी का कहना है कि सावन के किसी भी एक सोमवार को जब सुबह 4 बजे मंदिर का द्वार खोला जाता है, तो मंदिर में स्थित शेषनाग पर दो फूल रखे हुए होते हैं शेषनाग को जल से नहलाया हुआ होता है, इसी प्रकार का दृश्य नागपंचमी के शुभ अवसर पर भी देखने को मिलता है। पंडित का कहना कि इस प्रकार से प्रति वर्ष होता है, हालांकि मंदिर का द्वार रात 11 बजे मंदिर की अच्छे से सफाई करके बंद कर दिया जाता है परंतु सावन के सोमवार और नागपंचमी को हमेशा से ऐसा ही होता आया है।