अपने देश में वैसे तो कई सूर्य मंदिर हैं पर आज हम आपको जिस सूर्य मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं वह बहुत ही खतरनाक है क्योंकि सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में जाने वाले की मौत होना निश्चित है। जी हां, यह विश्व का एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है जहां यदि कोई भी सूर्यास्त होने के बाद में प्रवेश करता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है, आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
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यह मंदिर एक सूर्य मंदिर है और यह उत्तरप्रदेश के कानपुर में स्थित है वैसे तो यह सैकड़ों साल पुराना मंदिर है, पर शाम होने के बाद आज भी कोई इस मंदिर में जानें की कोशिश नहीं करता है। इस मंदिर का ऐसा डर लोगों में व्याप्त है कि इसके अंदर प्रवेश करना तो बहुत दूर की बात है, इसकी ओर कोई भी व्यक्ति नजर उठाकर देखना तक नहीं चाहता है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होना निश्चित है और यही कारण रहा है कि मंदिर होते हुए भी इस विशाल भवन में कोई भी पुजारी नहीं है। वर्तमान में इसकी देखभाल पुरातत्व विभाग कर रहा है। इस मंदिर के निर्माण का समय लोग 5वीं सदी बताते हैं, उस समय भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन हुआ करता था। इस मंदिर को “ईंटो का मंदिर” भी कहा जाता है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु के वामन अवतार की प्रतिमा स्थापित है, बहुत लोगों का इस मंदिर में प्रवेश न करने पर यह कहना है कि प्राचीन समय में मंदिर के चारों और जंगल हुआ करता था और जंगलों में घूमने वाले बंजारों ने इसको ढूंढा था। एक बार शाम अधिक होने पर बंजारों के एक समूह ने इस मंदिर में ही रात गुजारने की सोची और वे लोग रात में इस मंदिर में रुक गए जिसके बाद में अगले दिन उन बंजारों के पूरे समूह की मौत हो गई थी और उस समय से अब तक इस मंदिर में कोई नहीं जाता है, खैर जो भी हो लोग मौत के डर से इस मंदिर में वर्तमान में नहीं जा रहें हैं पर क्या वास्तव में यहां प्रवेश करने वालों की मृत्यु हो जाती है या नहीं इस बात की जांच पुरातत्व विभाग को करानी चाहिए ताकि लोगों के अंदर का डर दूर हो सकें और एक प्राचीन विरासत फिर से आबाद हो सके।