उत्तराखंड में यूँ तो वैसे ही बहुत से सुन्दर और मनोरम क्षेत्र है लेकिन अब हिमालय के पास स्थित फूलों की घाटी का रास्ता 45 साल बाद फिर से खोला जा रहा है। यहां के नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी को सम्मिलित रूप से वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है। यह घाटी सुन्दरता मे स्वर्ग जैसी दिखती है।
फूलों की घाटी उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित है। फूलों की घाटी पहुँचने के लिए चमोली जिले का आखिरी बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी 13 किमी है, जहाँ से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलों की घाटी में घूम सकते हैं।
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कहा जाता है की हनुमान संजीवनी ब्यूटी की तलाश में इसी घाटी पर उतरे थे इस घाटी का पता सबसे पहले ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थ ने लगाया था। इस घाटी की सुंदरता से प्रभावित होकर उन्होंने “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” नाम से एक किताब प्रकाशित करवायी।
बर्फ के पहाड़ों से घिरी हुई इस घाटी में फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां है। हर साल बर्फ़ पिघलने के बाद यह घाटी ख़ुद ब ख़ुद बेशुमार फूलों से भर जाती है। यहाँ पर खिलने वाले फूलों का पैटर्न बदलता रहता है, मतलब जो फूल आपको इस हफ़्ते दिखेंगे, अगले हफ़्ते वहाँ कोई और फूल खिला होगा। इसके अलावा यहाँ सैकड़ों बहुमूल्य जड़ी-बूटियाँ और वनस्पति पाए जाते हैं।