भारत हमेशा शांति का संदेश देते हुए आपसी भाईचारे की मिसाल बनता आया है। हमारे देश ने हर समय, हर घड़ी दूसरे देश की सहायता के लिए अपने हाथ आगे किए हैं चाहे फिर वो पाकिस्तान ही क्यों ना हो। भारत जहां एक ओर भाईचारे की मिसाल देते हुए विदेशी मुल्कों से अपने संबंधों को मजबूत करने को प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने पाकिस्तान के दौरे के दौरान यहां के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मुलाकात करने पहुंचीं। दोनों देशों के बीच की इस वार्ता से जहां नई शुरूआत की उम्मीद थी, वहीं अब यह मुलाकात विवादों के घेरे में भी आ गई है।
नवाज़ शरीफ और सुषमा स्वराज की यह मुलाकात भारत के अपमान की वजह बन चुकी है। इस मुलाकात के समय की जो तस्वीर सामने आई है उसमें दोनों प्रमुखों के पीछे जो झंडे लगाये गए हैं उसमें पाकिस्तान का झंडा तो नजर आ रहा है, लेकिन भारत का झंडा नहीं दिखाई दे रहा है। यह हमारे देश के लिए बहुत बड़े अपमान की बात है।
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यह स्वाभाविक है कि जब दो देशों के नेताओं की मुलाकात होती है तो दोनों ही देशों के झंडे लगे होते हैं, फिर तिरंगा क्यों गायब था? क्या यह नवाज शरीफ की सोची समझी साजिश थी क्योंकि इतनी बड़ी बात को भूल का दर्जा नहीं दिया जा सकता। जिस कमरे में दोनों नेताओं की बैठक हुई है वहां पीछे की दीवार पर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाई गई है। जहां नवाज शरीफ बैठे है उनके पीछे हरे रंग का झंडा लगा है, जबकि जहां सुषमा स्वराज बैठी हुई हैं उनके पीछे पाकिस्तान का झंडा लगा हुआ दिखा।
अगर आपको याद हो कि कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मलेशिया यात्रा के दौरान जब उनकी मुलाकात जापान के पीएम शिंजो आबे से हुई थी तब उनके पीछे भी तिरंगा उल्टा देखने को मिला था। इसको लेकर भी सोशल मीडिया पर काफी बवाल हुआ था।