महाभारतकालीन इस मंदिर में पूजन करने से होती है “पुत्र प्राप्ति”

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आपने ऐसे कई स्थान अपने देश में देखें ही होंगे जहां पर आपकी कई प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, पर क्या आपने किसी ऐसे स्थान के बारे में सुना है जहां पर पूजन करने से आपको “पुत्ररत्न” की प्राप्ति होती हो? यदि नहीं, तो आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसे ही स्थान के बारे में जहां पर पूजन करने के बाद में आपको “पुत्र प्राप्ति” होती है। यह मंदिर महाभारतकालीन है और यह मंदिर काफी लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, आइए आपको बताते हैं इस अनोखें मंदिर के बारे में।

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महाभारतकालीन यह अनोखा मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र नामक प्रसिद्ध स्थान से महज 8 किमी दूर कमौदा नामक जगह में स्थित है, इस मंदिर का नाम “काम्यकेश्वर मंदिर” है। इस मंदिर में “रविवारीय शुक्ला सप्तमी” को स्नान, दान और पूजन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा को “रविवारीय शुक्ला सप्तमी” के दिन आप कभी भी जाकर देख सकते हैं। कई पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं भी इस मंदिर के साथ में जुड़ी हुई हैं, एक मान्यता के अनुसार “इस दिन ही सूर्यदेव के चारों बच्चों का जन्म हुआ था तथा इस दिन ही सूर्यदेव से उनकी पत्नी का पुनर्मिलन हुआ था, इसलिए ऐसी मान्यता है कि यहां पर पूजन आदि करने पर संतान का वियोग जीवन में नहीं आता है”, यही कारण है कि वर्तमान में लोग इस मंदिर में “रविवारीय शुक्ला सप्तमी” के दिन पूजन और दान आदि के लिए बड़ी संख्या में आते हैं और धार्मिक कार्य करते हैं।

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