लिपस्टिक लगाते हुए क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी लिपस्टिक भी वेज या नॉन वेज हो सकती है? आप जो मेकअप का सामान इस्तेमाल करती हैं उसमें कई ब्यूटी उत्पाद ऐसे होते हैं जो जानवरों की चर्बी से बने होते हैं। अब सरकार इस बारे में कुछ करने का मन बना रही है।
इस बारे में जल्द ही महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी कोई उचित कदम उठाने वाली हैं। जिसके बाद आपकी लिपस्टिक में भी खाने-पीने के सामान की तरह ही लाल और हरी बिंदी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा आपके बाकी ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इस तरह की वेज और नॉन वेज की पहचान देखने को मिल सकती है।
हो सकता है आज तक आप जानवरों की चर्बी से बनी लिपस्टिक इस्तेमाल करती आई हों, जो आपके शरीर के अंदर भी जा रही हों। इस बारे में सरकार क्रीम, पाउडर और मेकअप के दूसरे सामानों पर भी लाल या हरी बिंदी लगाने की तैयारी कर रही है।
मेनका गांधी ने 2014 में महिला और बाल विकास मंत्री बनते ही सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियों को आदेश दिया था कि वह पैकिंग पर वही निशान दें जिस चीज़ से उस प्रोडक्ट को बनाया गया है। मतलब अगर प्रोडक्ट को बनाने में चर्बी का इस्तेमाल हुआ है तो उस पर लाल बिंदी का निशान होगा और अगर प्रोडक्ट पूरी तरह से वेज चीजों से बना है तो उस पर हरी बिंदी का निशान होगा।
सरकार के इस फैसले को इंडियन ब्यूटी एंड हाईजेनिक एसोसिएशन(IBHA) ने चुनौती दी थी। जिसके बाद इस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, क्योंकि कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां अपने प्रोडक्ट के निर्माण में चर्बी का इस्तेमाल करती हैं। अगर सरकार प्रोडक्ट पर निशान लगाने का निर्देश देती है तो इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर असर पड़ेगा। जिससे इन कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ सकता है।