दिल्‍ली में सड़क पर दिखेंगी अब आधी गाड़ियां

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दिल्‍ली में लगातार बढ़ता प्रदूषण और हवा में घुलता जहर जहां एक ओर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है, वहीं इससे दिल्ली के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यहां तक कि हाईकोर्ट भी अपनी टिप्‍पणी में यह कहने को मजबूर हो गया कि दिल्‍ली में रहना किसी गैस चैंबर में रहने के बराबर है। आपको बता दें कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट और एनजीटी यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जिसके बाद हरकत में आई केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

Delhi road1Image Source: http://rack.0.mshcdn.com/

बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक जनवरी से नई व्यवस्था लागू करने को कहा है। जिसके तहत अब दिल्ली में एक दिन ऑड नंबर और दूसरे दिन इवेन नंबर की गाड़ियां ही चलेंगी। दरअसल देश में पहली बार ऐसा नियम बनाया गया है। अब तक विदेशों में ये फॉर्मूला देखा गया था और इसे अब दिल्ली में लागू करने की तैयारी है। आपको बता दें कि अगर आपकी गाड़ी के नंबर का आखिरी अंक 2, 4, 6, 8, या 0 हो तो वो इवेन नंबर की गाड़ी होगी और अगर आपकी गाड़ी के नंबर का आखिरी अंक 1, 3, 5, 7 या 9 है तो वो ऑड नंबर हुआ।

दिल्ली सरकार के इस फैसले का सीधा मतलब यह है कि अब ना तो आप हर रोज़ अपनी निजी कार से दफ्तर जा सकेंगे और ना ही दिल्ली में घूम सकेंगे। बताया जा रहा है कि यह नियम सभी गाड़ियों पर लागू नहीं होगा। सीएनजी से चलने वाली टैक्सी के अतिरिक्त सरकारी गाड़ियों पर यह नियम लागू नहीं है। दूसरे राज्यों की गाड़ी पर भी रोक नहीं लगेगी।

INDIA-ENVIRONMENTImage Source: http://america.aljazeera.com/

इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने थर्मल पावर प्लांट को बंद करने का भी फैसला लिया है। हालांकि केजरीवाल सरकार के लिए राहत की बात यह है कि केंद्र सरकार भी प्रदूषण कम करने के इस फैसले के साथ है। आपको बता दें कि दिल्ली में फिलहाल 28 लाख कार हैं और 57 लाख दुपहिया वाहन। यानी रोजाना करीब 85 लाख गाड़ियां सड़क पर उतरती हैं। ऑड-इवेन के फॉर्मूले के बाद करीब 43 लाख गाड़ियां ही सड़क पर उतरेंगी तो इससे जाहिर है प्रदूषण घटेगा ही, लेकिन ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि केजरीवाल सरकार का इतना बड़ा फैसला लागू कैसे किया जाएगा। कैसे सरकार सड़क से कारों को कम करने का फैसला अमल में लाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल का दिल्ली में महीने में सिर्फ 15 दिन गाड़ियों के इस्तेमाल का फार्मूला कितना कामयाब होगा?

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