सऊदी ही नहीं भारत के इस पड़ोसी देश में भी है तेल का भंडार

-

इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में आई कमी का सीधा असर सऊदी अरब की आर्थिक स्थिति पर पड़ना शुरू हो गया है। सऊदी में मुख्यतः तेल का ही करोबार किया जाता है। ऐसे में एकाएक तेल के दामों में आई कमी के कारण रिफायनरी से तेल को निकालना और भी महंगा होने लगा है, लेकिन भारत के करीब एक ऐसा पड़ोसी मुल्क भी है जिसके पास भी तेल का खजाना मौजूद है। भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में आज भी क्रूड ऑयल पारंपरिक तरीकों से ही हाथों से निकाला जाता है।

कैसे निकालते हैं तेल-

myanmar2Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

यहां पर तेल को जमीन से निकालने के लिए बांस की तीन टांगों का खांचा तैयार कर खुदाई की जाती है। यह बांस का खांचा तीस से चालीस फुट का होता है। जमीन से ऑयल की सतह तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है। हाथों की मदद से ही आज भी यहां पर तेल को जमीन से निकाला जाता है। तेल करीब 3000 फीट गहराई में होता है। एक दिन में करीब तीन छोटे कुओं से करीब तीस डॉलर यानी की 2000 रुपए का क्रूड ऑयल निकाला जाता है। इन कुओं के परमिट को खरीदना होता है। हर दिन तेल निकालने के बाद इसको रिफाइनरी में बेच दिया जाता है।

तेल निकालने में होते हैं झगड़े-

myanmar-oil10_1462364718Image Source :http://i9.dainikbhaskar.com/

यहां पर ऑयल निकालना बेहद की टेढ़ी खीर साबित होता है। तेल को निकालने के करोबार में कई बार झगड़े भी हो जाते हैं। तेल निकालने वाले अवैध तरीकों से ज्यादा तेल निकाल लेते हैं। साथ ही ज्यादा तेल निकालने के कारोबार के लिए कई बार हिंसा का भी सहारा लेना पड़ता है। वर्ष 2011 में सेना का अधिकार देश से समाप्त होने के बाद ही इस जगह पर तेल के कारोबार को विदेश निवेश के लिए खोला गया है।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments