काले जादू का जिकर आपने सुना ही होगा असल में इसका जिक्र सदियो पहले से होता रहा है, जानकारी के लिए यह भी बता दें कि इस काले जादू के बारे में लोगों का यह मानना है कि इससे शैतानी शक्तियां विकसित होती है जो की किसी को भी नुकसान पहुंचाने में सक्षम होती हैं, हालांकि बहुत से लोग इन बातों पर यकिन नहीं करते हैं पर आज हम आपको देश के उस गांव के बारे में बता रहें हैं जहां से यह काला जादू शुरू हुआ था और लोगों का कहना है कि इस गांव में आज भी काला जादू होता है। आइये जानते हैं भारत के इस रहस्यमय गांव के बारे में।
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यह है काले जादू का गांव –
दिल्ली से यदि आप करीब 1900 किमी दूर चलेंगे तो आपको असम राज्य में एक छोटा सा शहर मिलेगा। जिसका नाम है “मायोंग”, इस शहर का वर्णन महाभारत में भी किया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि भीम का पुत्र घटोत्कच्छ ही असल में मायोंग शहर का राजा था। विज्ञान कहता कि सब कुछ असल में ऊर्जा का ही प्रतिरूप है इसलिए यदि आप उस ऊर्जा का उपयोग अच्छे काम के लिए करते हैं तो इस ऊर्जा को दैवीय शक्ति तथा बुराई के लिए करते हैं तो इस शक्ति को शैतानी शक्ति कहा जाता है।
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इन ही शक्तियों के प्रयोग करने को ही 12वीं शताब्दी में काले जादू का नाम दे दिया गया था। यहां के लोगों का कहना है कि इस गांव में जादू का इतना बड़ा तिलिस्म है की यहां पर जादू से सब कुछ संभव है। यहां पर इंसान हवा में गायब हो जाते हैं, आदमी पशु बन जाता है और पशु को आदमी बना दिया जाता है पर यहां के लोगों का कहना है कि वे जादू से लोगों का इलाज करते हैं और ऐसा वर्षों से होता आ रहा है।
यह भी एक सच है कि यदि कोई भी इस गांव में जाता है तो उसको वहां जादू जैसी कुछ चीज देखने को नहीं मिलती है, शायद लोगों को सिर्फ यह वहम है कि यह गावं काल जादू से कोई वास्ता रखता है।