मानसून आ गया है परंतु बुंदेलखंड सहित देश के कई हिस्से अभी भी पानी के लिए तरसते नजर आ रहें हैं। पानी के लिए परेशान देश के इन रीजन मे कई इस प्रकार की मान्यताएं हैं जो की बारिश न होने के समय मे किसी टोटके के रूप मे प्रयोग की जाती हैं।
क्यों होती हैं महिलाएं निर्वस्त्र-
कई मान्यताएं इस प्रकार की हैं जिनमें माना जाता है भगवान रुठ गए हैं इसलिए ही बारिश नही हो पा रही है। इस प्रकार की मान्यताओं के चलते महिलाएं अाधी रात को अपने बैल ओर हल के साथ मेन खेत मे एकत्र होती हैं ओर निर्वस्त्र होकर सूखे खेत को हल ओर बैल के सहारे जोतती हैं। रात का खाना भी महिलाएं खेत मे बनाती हैं ओर वहीं उसको बे खाती हैं। लोगो का मानना है की स्त्रियों की इस प्रकार की स्थिति देख कर भगवान बारिश करने लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पुरुषों का खेत मे जाना प्रतिबंधित होता है। अाइये जानते हैं बारिश होन के कुछ ओर संकेतो के बारे मे।
1- मौर का नाचना –
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मौर जब खेत या कहीं ओर नाचना दिखता है तो यह बारिश होने का संकेत समझा जाता है।
2- पपीहे का चिल्लाना –
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यदि पपीहा अाकाश की ओर अपना मुंह खोलकर चिल्लाता नजर अाता है तो इसको भी बारिश होने का संकेत समझा जाता है।
3- मेढ़क की शादी –
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कुछ लोग बारिश कराने के लिए मेढ़क की शादी बहुत धूमधाम से कराते हैं , मान्यता है की ऐसा करने पर बहुत जल्द बारिश होती है।