यह घटना मानवता को ही सभी धर्मों की जननी सिद्ध करती है, यह घटना महाराष्ट्र के ठाणे नामक स्थान की है यहां पर एक मृत हिन्दू व्यक्ति का अंतिम संस्कार मुस्लिम युवकों द्वारा किया गया जिसको सभी लोग इंसानियत और मानवीयता की मिसाल मान रहें हैं। असल में यह हिन्दू व्यक्ति मुस्लिम लोगों के पड़ोस में ही रहता था इसका नाम “वमन कदम” था। यह 65 साल का व्यक्ति चौकीदारी का कार्य करता था पर हालही में इसकी मृत्यु अपने ही घर में हो गई थी। वमन कदम नामक इस व्यक्ति की दो पत्नी थी और पहली पत्नी से इसके कुछ बच्चे भी थे, वर्तमान में यह अपनी दूसरी पत्नी के साथ में रहता था। रात को हुई मृत्यु में पहली पत्नी के बच्चे और रिश्तेदार आने ऐसे हिचकिचा रहें थे तब वमन की दूसरी पत्नी ने मुस्लिम समाज के युवकों से मदद की गुहार की तो वह रात में ही उसकी मदद के लिए आ गए।
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इन मुस्लिम युवकों की संख्या 8 थी, इन लोगों ने ही अंतिम संस्कार के लिए पंडित को खोजा और अंतिम संस्कार को पूरी विधि से कराया इसके बाद में इन लोगों ने ही डॉक्टर से वमन कदम का मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाया। वमन की दूसरी पत्नी ने इस बारे में बताया कि “मेरे पति ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी अंतिम यात्रा इतने सम्मान के साथ निकलेगी। उनकी अंतिम यात्रा में 40 से भी अधिक मुस्लिम युवक थे। हम पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को काफी समय जानते है, शव यात्रा में आने वालों को हम तब से जानते हैं जब वे बच्चे ही थे लेकिन अब उन्होंने बड़े होने की जिम्मेदारी भी निभाई है। वे हमारे बड़े हमदर्द बने।”