मुस्लिम महिलाओं ने भी इस बार रखा करवा चौथ का व्रत, मांगी पति की लंबी उम्र की दुआ

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करवा चौथ का त्योहार वैसे तो हिंदू धर्म का ही त्योहार है, पर अपने इस देश में कुछ ऐसा है जो की हिंदू और मुस्लिम लोगों को कहीं न कहीं जोड़ ही देता है, ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब मुस्लिम महिलाओं ने भी करवा चौथ का व्रत रख अपने पति ही लंबी उम्र की दुआ की। वर्तमान में यह खबर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है, आइये आपको भी इस खबर को विस्तार से बताते हैं।

 

कल जब देश विदेश में रहने वाले सभी हिन्दू महिलाएं चांद का इंतजार कर रहीं थी ताकि वो अपने करवा चौथ के व्रत को पूरा कर सके तो उस समय ही राजस्थान की दो मुस्लिम महिलाएं भी चांद के दीदार के लिए उसकी राह देख रहीं थीं, क्योंकि इन दोनों मुस्लिम महिलाओं ने भी अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। अंजुमन और दीप्ति नाम की इन दोनों मुस्लिम महिलाओं ने भी कल अपने-अपने पति की उम्र दराजी के लिए व्रत रखा था। यह मुस्लिम परिवार चूरू में रहता है और इस परिवार की सबसे खास बात यह है कि यह परिवार खुले और आधुनिक विचारों वाला परिवार है इसलिए जब घर की बड़ी बहू ने अपनी 56 वर्षीय सास रेहाना रियाज से करवा चौथ का व्रत रखने की बात की तो उनको बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई और उन्होंने इसके लिए हां कर दी, बड़ी बहू के साथ में छोटी बहू ने भी करवा चौथ का व्रत किया। इस प्रकार से एक ही घर में दो मुस्लिम महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत पूरा किया और अपने पति की लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी।

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रेहाना इस बारे में बताते हुए कहती है कि “‘ये एक खुले विचारों वाली दुनिया है और हमें हर धर्म और उसकी भावनाओं का आदर करना चाहिए। मेरी बड़ी बहू, जिसकी शादी बेटे हसन से हुई है, शादी से पहले एक हिन्दू लड़की थी और उसने अपने रिवाजों का पालन करने के लिए हमसे कहा, मुझे इसके लिए उसे अनुमति देने में कोई गुरेज नहीं हुआ, लेकिन सबसे खास बात तो ये है कि मेरी छोटी बहू अंजुमन ने जब सुबह में दीप्ति को करवा चौथ की तैयारियां करते हुए देखा, तो उसने भी इस व्रत को रखने की इच्छा जाहिर की और मैंने बोला कि करो।”, इस परिवार में ये लोग दीपावली से लेकर होली और होली से ईद तक सभी त्योहार एक साथ मनाते हैं और सभी लोग एक साथ रहते हैं। देखा जाए तो यह अपने देश की ही आबोहवा का फर्क है कि यहां पर पटाखों वाली दिपावली और सेवईयों वाली ईद दोनों ही धर्म मिलकर मनाते आए हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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