देश में चुनावी मुद्दों की टॉप लिस्ट में शुमार सांप्रदायिक दंगो को अब राजनैतिक पार्टियों के द्वारा अपने चुनावी एजेंडे से हटाने की बारी जल्द ही आ जाएगी। देश की कुछ घटनाओं को राजनैतिक पार्टियां सांप्रदायिक दंगा बताकर हर संप्रदायों के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। लेकिन इन सभी घटनाओं के बीच कई वजह ऐसी भी होती हैं, जो हमें बताती हैं कि हमारे देश में सर्वधर्म संप्रदाय की मान्यता विद्यमान है।
इसी बात का जीत जागता उदाहरण आजकल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का जेल बना हुआ है। यहां पर नवरात्रों के लिए हिन्दू कैदियों के साथ ही मुस्लमान कैदियों ने भी व्रत रखा है। जो इस बात का गवाह है कि हिन्दू सहित मुस्लमान भी भाईचारे की शांति के लिए अपनी पहल कर रहे हैं।
पिछलें दिनों दादरी जैसी घटनाओं से हिन्दू और मुस्लमानों के बीच खाई बनाने वाले राजनैतिक पार्टियों के हुकमरानों को भी अब देश की आवाम अपना शांति संदेश कई तरीकों से पेश करने लगी हैं। इसकी एक मिसाल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला का जेल बना हुआ है। इस जेल में हिन्दुओं के साथ ही मुस्लिम कैदी भी सजा काट रहे हैं। जेल में करीब 1000 कैदी हैं।
जिसमें से करीब 200 हिन्दू कैदियों ने नवरात्रों पर व्रत रखा है। देश की जनता को सौहार्द्र, प्रेम और भाईचारे की मिसाल देने के उद्देश्य से इस बार जेल के करीब 25 मुस्लमान कैदियों ने भी नवरात्र का व्रत रखा है। दरअसल यह कैदी भी देश के बिगड़े हालातों पर खासे गंभीर हैं। वहीं इस सौगात में जेल प्रशासन भी इन सभी कैदियों को व्रत रखने के लिए पूरी मदद प्रदान कर रहा है। जेल में इन कैदियों के लिए सभी प्रकार के फलाहारों की व्यवस्था की जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जेल के अधीक्षक का कहना है कि इस तरह की पहल को देख कर हम भी बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। जेल स्टाफ इन सभी कैदियों का विशेष ध्यान रख रहा है। वहीं उम्मीद की जा रही है कि देश के लोग भी इस भाईचारे से कुछ सीख ले सकेंगे।