मनी मैटर- कैसे करें सेविंग

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आप अपना पैसा किस तरह से मैनेज करते हैं ये इस बात पर काफी निर्भर करता है कि आपकी आदतें कैसी हैं। चलिए आपको समझाते हैं, अगर ये कहा जाए कि आप खाते ज्यादा हैं, तो आप खाने पर कुछ ज्यादा ही खर्च करेंगे। इसी तरह से पैसों से संबंधित आदतें ये भी डिसाइड करती हैं कि आप कितने सही और कितने गलत तरीके से पैसों को मैनेज कर रहे हैं।

आज हम आपको ऐसी ही 8 मनी हैबिट्स के बारे में बताते हैं जिनके बारे में शायद आप जानते ही नहीं हों कि ये आपके फाइनेंस मैनेजमेंट को खराब कर रही हैं।

 

हैबिट 1- अर्निंग से ज्यादा खर्च करना
ये सबसे खराब आदत है जो आपके मनी मैटर्स को पेचीदा बनाती है। अगर आप ये रेगुलर रूप से करते हैं तो हालात और खराब हो सकते हैं। जब खर्च महीने के आखिर में आपकी इनकम से ज्यादा होने लगे तो समझ जाइए आप पैसों का अधिक व्यय कर रहे हैं।

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समाधान- अपने खर्चों पर ऊपरी तौर से निगाह बनाए रखें। इसे आप दो कैटेगरी में बांट दें। पहली कैटेगरी जरूरत के मुताबिक और दूसरी इच्छा के मुताबिक। वो सब खर्चें रोक दें जिसकी आपको बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। बजट बनाना शुरु कीजिए और इस तरह अपने खर्चों को कंट्रोल करें। अगर जरूरत वाले खर्चे ही आपके ज्यादा हैं और आप पैसों के अधिक व्यय के लिए बाध्य हैं तो आपको अपनी इनकम के सोर्स बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।

हैबिट 2- वित्तीय मामलों को कल पर छोड़ना
आप अपने आप को कितनी बार ये विश्वास दिला चुके हैं कि अगले महीने से आप सेविंग शुरु करेंगे। लेकिन ये अगला महीना कभी नहीं आता। आप इसे हर महीने टाल देते हैं क्योंकि आप मंथ एंड में कुछ भी सेव नहीं कर पाते। इस तरह के मामले कल पर टालना सही नहीं है क्योंकि आप जितना जल्दी सेविंग शुरु करेंगे उतने ही अच्छे मनी रिटर्न्स आपको मिलेंगे। इससे आपको एडिशनल इनकम भी मिल जाती है।

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समाधान- सेविंग के लिए सबसे अच्छा वक्त वो है जब आपके पास पैसा हो। जितना आप सेविंग डिले करेंगे उतना देर से और कम धनराशि आपको मिलेगी।

हैबिट 3- जरूरत से ज्यादा इच्छाओं के लिए कर्जा लेना
इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में आप अपने लाइफस्टाइल पर काफी खर्चा करते हैं। जैसे कि लग्जरी हैंडबैग या फिर एक्पैंसिव फोन खरीदना, जोकि बेकार ही आपका खर्चा बढ़ाते हैं। अगर आप हमेशा ही अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कर्जा लेते रहेगें तो आपको इसकी आदत पड़ जाएगी।

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समाधान- लोन सिर्फ जरूरत के लिए लिया जाना चाहिए। घर खरीदने या फिर बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लेना सही है। लेकिन जब आप एक लाख का टीवी खरीदने के लिए कर्जा ले रहे हैं तो ये बिल्कुल भी सही नहीं है।

हैबिट 4- इन्वेस्ट करने की बजाए जुआ खेलना
बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने में दिलचस्पी रखते हैं। जबकि उन्हें ये नहीं पता होता कि वो क्या करने जा रहे हैं। इससे अच्छा है कि आप किसी जानकार की मदद लें कि कौन सा स्टॉक अच्छा है और कहां अच्छे पैसे कमाए जा सकते हैं। हांलाकि अगर आप अपनी सेविंग एक ऐसी जगह इन्वेस्ट कर रहे हैं जिसके बारे में आप कुछ जानते ही नहीं हैं या फिर रिस्क के बारे में आपको कोई अंदाजा नहीं है तो आप इन्वेस्ट ना करें।

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समाधान- उद्देश्य के अनुसार हो इन्वेस्टमेंट। ऐसी किसी भी तरह की इन्वेस्टमेंट स्कीम से दूर रहें जो कुछ ज्यादा ही लुभावनी लग रही हो। पैसा कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता, ये बात हमेशा ही याद रखें और इन्वेस्टमेंट को लेकर दूरदर्शिता अपनाएं।

हैबिट 5- नियमित रूप से बचत ना करना
ऐसे कई लोग आपको मिल जाएंगे जो सेव करते हैं या फिर सेव करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अफसोस हम में से कई नियमित रूप से ऐसा नहीं करते। ये आपके साथ हमेशा ही होगा अगर आप खर्च पहले करेंगे और जो बचा है उसे सेव करेंगे। अगर सेविंग करने से पहले आप अपने खर्चों पर ध्यान देंगे तो ये मामला और उलझता जाएगा।

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समाधान- सेविंग को प्राथमिकता दें। जैसे ही आपको मंथली इनकम मिले, सबसे पहले अपनी सेविंग का कुछ पर्सेंट अलग निकाल लें। इससे खर्चे की जगह सेविंग आपकी आदत बनेगी।

हैबिट 6- रिस्क उठाने से कतराना
आप शायद सोचें की रिस्क ना लेना ही सही है। इससे आप गलत इन्वेस्टमेंट से बचेंगे। हांलाकि अगर रिस्क बिल्कुल भी ना उठाया जाए, तो ये आदत आपको थोड़ी सी रिस्की लेकिन जरूरी इन्वेस्टमेंट करने से रोकती है। ये और कुछ नहीं सिर्फ एक खराब आदत है। क्या आपको लगता है कि शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना रिस्की है क्योंकि ये परिवर्तनशील है, तो आपको दोबारा सोचने की जरूरत है।

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समाधान- रिस्क ना लेना, रिस्क ना समझने से अलग है। ज्यादातर एक्सपर्ट इंवेस्टर्स रिस्क से दूर भागने की जगह उसे समझते हैं। अगर आप महंगाई की मार को कम करना चाहते हैं तो कुछ जरूरी रिस्क उठाने से कतराएं नहीं। आप सेविंग के लिए कुछ सेफ ऑप्शन्स भी चुन सकते हैं, जैसे की बैंक FD, लेकिन इसके रिटर्न्स थोड़े कम मिलेंगे। इसलिए सोचिए समझिए और तब इंवेस्ट करिए।

हैबिट 7- ड्यू डेट के बाद पेयमेंट करना
अगर आप अपने बिल का भुगतान हमेशा ही देर से करते हैं तो इसका सीधा अर्थ अपने खर्चों को बढ़ाने से है। क्रेडिट कार्ड के केस में लेट पेयमेंट काफी भारी पड़ सकती है, क्योंकि इसके काफी हाई इंटरेस्ट रेट होते हैं।

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समाधान- हमेशा अपने बिल समय के साथ पेय करें और लेट पेयमेंट चार्जेस से बचें। अगर हो सके तो ऑटो डेबिट का ऑप्शन चुनें ताकि आप पेयमेंट करना भुल भी जाए तो ऑटो डेबिट आपका सेवर का काम करें।

हैबिट 8- खराब आदतों पर खर्चा करना
धुम्रपान करना, शराब का सेवन या फिर जंक फुड खाना और ऐसी ही कई आदतें जो आप पर पैसों का और भार डालती हैं। एक स्मोकर औसतन 50 रुपए से 100 रुपए तक हर दिन खर्च करता है। साल के हिसाब से देखें तो ये 18,000 रुपयों से 36,000 रुपयों तक जा पहुंचता है।

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समाधान- अगर आपको ऐसी कोई आदत है जो आपकी सेहत पर दुष्प्रभाव डाल रही है, तो ना सिर्फ आप अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि पैसा भी फालतु उड़ा रहे हैं। तो अपनी हेल्थ के साथ-साथ अगर मनी भी सेव करना है तो ऐसी किसी भी आदत से दूर रहें।

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